लखनऊ और प्रदेश में ऑक्सीजन के मिलने में हो रही मुश्किल को देखते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऑक्सीजन टैंकर भेजा था जो कि बुधवार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल पहुंच गया। यह टैंकर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से भेजा गया था जो कि बुधवार को पहुंचा।
बता दें कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण कई जिलों के अस्पतालों में ऑक्सीजन न मिलने की खबरें आ रही हैं। हालांकि, प्रदेश सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि प्रदेश में कहीं भी ऑक्सीजन और दवा की किल्लत नहीं है।
इसके पहले मंगलवार को प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना संक्रमण से प्रभावित जनता को तत्काल राहत दिलाने का अनुरोध किया था। उन्होंने लिखा था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर शहरों की सीमाओं को लांघकर अब गांवों में अपना पैर पसार रही है। चिंता की बात ये है कि प्रदेश में कोरोना जांच अपर्याप्त है।
प्रियंका ने पत्र में कहा था कि ग्रामीण इलाकों में तो जांच तक नहीं हो रही है। वहीं, शहरी इलाकों के लोगों को जांच कराने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। कई दिन तक रिपोर्ट नहीं आती। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों की घोर किल्लत और इनकी बड़े पैमाने पर कालाबाजारी भी बड़ी चिंता है। आयुष्मान योजना को कोई अस्पताल नहीं मान रहा। लोग ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य जीवन रक्षक दवाओं की तीन-चार गुनी कीमत चुकाने को मजबूर हैं। चिंता श्मशान घाटों पर हो रही लूट-खसोट और कुल मौतों के आंकड़ों को कम बताने को लेकर भी है। अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी नहीं मिल रही।
प्रियंका ने सभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कल्याण के लिए एक समर्पित आर्थिक पैकेज की घोषणा करने, युद्ध स्तर पर ऑक्सीजन-युक्त बेड की उपलब्धता बढ़ाने, कोरोना संक्रमण एवं मौत के आंकड़ों को न छुपाने, आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने, आंगनबाड़ी और आशा कर्मियों की मदद से ग्रामीण इलाकों में दवाओं व उपकरणों की कोरोना किट बंटवाने की व्यवस्था करने की मांग की थी।