सोशल मीडिया एजेंसी बेसिल में काम करने वाले पार्थ श्रीवास्तव के सुसाइड के मामले में कई राज सामने आए हैं। पार्थ ने खुदकुशी करने के पहले पूरी रात अपने दोस्तों के साथ चैटिंग की थी। इस दौरान दोस्तों को अंतिम मेसेज भेजा जिसमें उसने ‘गुड बाय भाई’ लिखा था। इसके बाद उसने खुदकुशी की।
इस मामले में चार दिन बाद पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया जिसमें दो वरिष्ठ सहयोगियों को आरोपी बनाया गया था। पुलिस इस मामले में दोनों आरोपियों से रविवार को पूछताछ नहीं कर सकी। सोमवार को दोनों को थाने बुलाया गया है।
दो दिन की पड़ताल में पुलिस के सामने कई राज आए हैं। इसमें पार्थ के सुसाइड करने वाली रात में चैटिंग करने की पुष्टि हुई है। इस दौरान उसने रात को अपने दोस्तों को मेसेज भेजा था जिसमें लिखा था गुड बाय भाई। कई दोस्तों ने रिप्लाई की तो पार्थ ने जवाब में लिखा कि जस्ट लीविंग। पार्थ के दोस्त और रिश्तेदारों ने सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर पार्थ का कैम्पेन शुरू कर दिया है।
वहीं, पार्थ के दोस्त, रिश्तेदार और परिजनों को इस बात पर अभी तक भरोसा नहीं हो पा रहा है कि आखिर पार्थ जैसा लड़का ऐसा कदम कैसे उठा सकता है। पार्थ ने सुसाइड करने से पहले सुबह 4:56 पर अपने दोस्तों को मेसेज लिखा। कई दोस्तों से उसके खुदकुशी से पहले काफी देर तक बात करने के प्रमाण भी मिले हैं। एक दोस्त को लिखा कि, अगर कोई गलती हुई होगी तो माफ कर देना भाई। एक दोस्त को सुसाइड से एक दिन पहले 3 हजार रुपये ट्रांसफर भी किए, मदद करने के बाद पार्थ ने लिखा कि कोई बात नहीं…। पार्थ की दोस्तों से हुई चैटिंग की पुलिस जांच कर रही है।
दोनों वरिष्ठ सहयोगियों से होगी पूछताछ
प्रभारी निरीक्षक इंदिरानगर अजय प्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक, पार्थ श्रीवास्तव के दो पेज के सुसाइड नोट में कई नाम दर्ज हैं। इनमें पार्थ ने पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा पर गंभीर आरोप लगाए थे। पार्थ ने सुसाइड नोट में अभय, महेंद्र के नाम का भी जिक्र किया है।
पार्थ ने आत्महत्या से पहले ट्वीट किया था, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए दो वरिष्ठ सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराया था। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, दोनों आरोपी वरिष्ठ सहयोगियों से पूछताछ के लिए सोमवार को थाने बुलाया गया है। पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।