राजधानी लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में तैयार हो रहे अस्थाई कोविड अस्पताल में शुक्रवार से भर्ती नहीं हो सकेगी। लोगों का अभी दो दिन और इंतजार करना पड़ेगा। शुक्रवार से 24 घंटे का ट्रायल शुरू होगा। मॉकड्रिल से तैयारियों परखी जाएंगी। सभी ट्रायल में सफल होने के बाद ही दो मई से अस्पताल में मरीजों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
अस्पताल के लाइफ सपोर्ट सिस्टम व अन्य तैयारियों को परखने के लिए सेना के डॉक्टर और मिलिट्री नर्सिंग सेवा (एमएनएस) की अधिकारी शुक्रवार मौका मुआयना करेंगे। इमरजेंसी सेवा के लिए मॉक ड्रिल किया जाएगा। यहां 500 बेड का कोविड अस्पताल तैयार हो रहा है। मरीजो के लिए भर्ती प्रक्रिया को 30 अप्रैल से शुरू करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन अभी तैयारियां पूरी नहीं हो सकी हैं। जिस कम्पनी को आईसीयू बेड की आपूर्ति करना था उसके कई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं।
आक्सीजन कंस्ट्रेटर भी लगेगा
गुरुवार को मध्य कमान के कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने डीआरडीओ अस्पताल का दौरा किया। सेना ने अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता को और सुदृढ़ करने के लिए कहा है। यहां पर 20 हजार लीटर की क्षमता का आक्सीजन टैंक लगाया गया है। अब साथ में आक्सीजन कंस्ट्रेटर भी लगाया जाएगा। इससे मरीजो को 24 घंटे ऑक्सीजन की आपूर्ति बनी रहेगी।
कमांड सेंटर से होगी भर्ती
डीआरडीओ के इस अस्पताल में सीधे भर्ती नही होगी। हर दिन खाली बेड के आधार पर लालबाग स्थित कोविड कमांड सेंटर के माध्यम से मरीजों को भर्ती किया जाएगा। एम्बुलेंस से आने वाले मरीज को ट्राई एज भवन में स्क्रीनिंग होगी। इसके बाद आईसीयू या ऑक्सीजन वाले जनरल वार्ड में भेजा जाएगा। आईसीयू वार्ड में गंभीर मरीजों के लिए 25 विशेषज्ञ डाक्टरों की तैनाती होगी। इसके लिए सेना के तीन शहरों में स्थित यूनिटों से विशेष डाक्टरों को सेवा देने के लिए बुलाया गया है। साथ ही दिल्ली सेना के सबसे बड़े रेफरल और रिसर्च अस्पताल से भी डॉक्टर भी सेवा देने के लिए आएंगे। इसके अलावा आर्मी फील्ड अस्पताल से 80 एमएनएस अधिकारियों की तैनाती भी की जाएगी। साथ ही सरकार की ओर से भी डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया जाएगा।