अमेठी स्थित नगर पालिका गौरीगंज के वार्ड निवासी 40 वर्षीय महिला को बीती छह जून को तबीयत खराब हुई। परिवारीजनों ने उन्हें गौरीगंज के संयुक्त जिला अस्पताल में भर्ती कराया। तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने महिला को लोहिया संस्थान रेफर कर दिया। परिवारीजन मरीज को लेकर लोहिया की इमरजेंसी में पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने जांच की।
जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। महिला के चेहरे पर सूजन थी। डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस बताया। प्राथमिक इलाज के बाद महिला को शहीद पथ स्थित मातृ शिशु रेफरल (कोविड हॉस्पिटल) हॉस्पिटल के चौथे तल पर भर्ती कराया गया। यहां बेड नम्बर 85 पर महिला का इलाज शुरू हुआ।
लखनऊ के लोहिया संस्थान में कोरोना और ब्लैक फंगस पीड़ित महिला ने डॉक्टर- कर्मचारियों पर छेड़छाड़ व मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला की इलाज के दौरान शनिवार की रात मौत हो गई। पीड़िता की बेटी ने आरोप लगाया है कि उसने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन उसकी शिकायत नहीं सुनी गई।
पीड़िता की बेटी ने अमेठी के दौरे पर आई सांसद और केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से मां के साथ हुई छेड़खानी की शिकायत की। रोती हुई बच्ची ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि मेरी मम्मी के साथ छेड़खानी हुई है।
शनिवार को इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। हालांकि इससे पहले छेड़खानी की शिकायत अमेठी सांसद और केन्द्रीय मंत्री ने स्मृति ईरानी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
कोविड अस्पताल होने के नाते डॉक्टरों ने तीमारदारों को मरीज के साथ रुकने से रोक दिया। बहुत निवेदन करने पर जब उसे मरीज से मिलने दिया गया तो उसकी हालत खराब थी।
मरने से पहले महिला ने परिजनों को बताया था कि डॉक्टर और कर्मचारी ने उसे मारा-पीटा है। उसके साथ छेड़खानी की गई है।
घटना से महिला डरी-सहमी थी। घबराए परिवारीजनों ने आनन-फानन शुक्रवार को मरीज को डिस्चार्ज करा लिया। मरीज को गौरीगंज स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
यहां ब्लैक फंगस का इलाज संभव न होने के कारण डॉक्टरों ने शनिवार को दोबारा लखनऊ के लिए पीड़िता को रेफर कर दिया। जहां शनिवार को लखनऊ लाते समय रास्ते में पीड़िता की मौत हो गई।
शनिवार को ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ करने आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से पीड़िता के परिजनों ने मुलाकात की थी। महिला की बेटी ने रो-रोकर स्मृति से फरियाद की।
जिसके बाद स्मृति ने डीएम, एसपी व सीएमओ से वार्ता कर मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए।
वहीं लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि मरीज को गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। परिवारीजन अपनी मर्जी से मरीज को डिस्चार्ज कराकर ले गए हैं।
मरीज से मारपीट व छेड़छाड़ के आरोप बेबुनियाद हैं। अभी तक कोई शिकायत भी प्राप्त नहीं हुई है।