बलरामपुर, जेएनएन। यात्रीगण कृपया ध्यान दें…, यूटीएस प्रणाली खराब होने के कारण टिकट बनाने में दिक्कत आ रही है। कृपया अगले स्टेशन पर टिकट लेने का कष्ट करें। आपको हुई असुविधा के लिए खेद है। चौंकिए नहीं, आपने रेलवे स्टेशनों पर ट्रेन के समय अथवा देरी से आने का एनाउंसमेंट तो खूब सुना होगा, लेकिन आज-कल तुलसीपुर में यह घोषणा आम हो चुकी है।
गोंडा-गोरखपुर रेल प्रखंड के तीन स्टेशनों पर टिकट वितरण के लिए लगी अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) मशीन प्रभावी न होने से यात्रियों को छह स्टेशन तक बिना टिकट यात्रा करनी पड़ रही है। स्टेशन पर तैनात कर्मचारी अगले स्टेशन पर टिकट लेने की बात कहकर यात्रियों को बिना टिकट जाने की सलाह दे रहे हैं। तुलसीपुर, गैंसड़ी व कौवापुर स्टेशन पर टिकट न मिलने से रेल महकमे को प्रतिदिन लाखों रुपये का चूना लग रहा है।
नेटवर्क ने बढ़ाई मुसीबत :
तुलसीपुर स्टेशन की यूटीएस व पीआरएस (यात्री आरक्षण तकनीक) दो माह से बंद है। कुछ दिन यात्रियों को काउंटर से गत्ता व कागज पर लिखकर टिकट दिया गया, लेकिन जल्द ही उसे भी बंद कर दिया गया। तभी से गोंडा व गोरखपुर की ओर जाने वाले यात्री बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं। तुलसीपुर स्टेशन के वाणिज्य अधीक्षक बद्री प्रसाद का कहना है कि रविवार की शाम को थोड़ी देर के लिए नेटवर्क आने पर कुछ यात्रियों को टिकट वितरित किया गया है।
बिना टिकट 38 किलोमीटर यात्रा :
गैंसड़ी से नियमित बलरामपुर आने वाले संतोष, परवेज, दीनानाथ व रश्मि ने बताया कि तुलसीपुर, गैंसड़ी, कौवापुर में लगी टिकट मशीन काम नहीं कर रही है। लैबुड़वा, लक्ष्मनपुर व गैंजहवा हाल्ट स्टेशन पर अधिकांश ट्रेने नहीं रुकती हैं। ऐसे में न चाहते हुए भी बिना टिकट 38 किलोमीटर जाना पड़ता है।
जिम्मेदार के बोल
मंडल वाणिज्य निरीक्षक आनंद मणि चतुर्वेदी का कहना है कि स्टेशन पर लगे यूटीएस बीएसएनएल से संचालित है। जिसमें तकनीकी खराबी के चलते समस्या बनी हुई है। इसकी सूचना शीर्ष अधिकारियों को भेजी गई है।