रेप के आरोप में पकड़े जाने के बाद बलात्कारी बाबा क्यों नपुंसक होने का नाटक करने लगते हैं. आखिर उन्हें इस बहाने से क्या कानूनी फायदा मिलता नजर आता है.
सुप्रीम कोर्ट के वकील पद्मश्री ब्रह्मदत्त कहते हैं यदि पोटेंसी टेस्टनिगेटिव आ जाय तो आरोपी 376 से बच सकता है. इसकी उम्मीद काफी बढ़ जाती है. लेकिन उस पर छेड़छाड़ का केस जारी रहेगा. रेप के आरोप से बचना आरोपी के लिए सबसे बड़ी राहत होती है इसलिए इस तरह के बहाने बनाए जाते हैं.
हालांकि, ज्यादातर आरोपियों के नपुंसक होने का दावा फर्जी निकलता है. एडवोकेट आश्वनी त्रिखा कहते हैं कि आरोपी द्वारा सिर्फ यह कहना कि वह नपुंसक है, कानून में कोई डिफेंस नहीं है. डिफेंस तब है जब मेडिकल बोर्ड यह साबित कर दे कि यह व्यक्ति रेप करने में सक्षम नहीं है. वाकई नपुंसक है, तभी उसे थोड़ी राहत मिल सकती है.
मालूम हो कि दुष्कर्म के केस में फंसे कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य फलहारी बाबा ने दावा किया था कि जड़ी बूटियां खाने की वजह से वह नामर्द हो चुका है. लेकिन जांच में पता चला है कि बाबा का पोटेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया है.इससे पहले रेप के आरोप में फंसने के बाद आसाराम ने भी नपुंसक होने का नाटक किया था, लेकिन जांच के बाद उसे पॉजिटिव पाया गया था. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने भी नपुंसक होने का दावा किया है. हालांकि उसका पोटेंसी टेस्ट अभी नहीं करवाया गया है.