इंडिगो के फील्ड मैनेजर रूपेश सिंह हत्याकांड में पटना पुलिस ने एक और आरोपित सौरभ कुमार उर्फ पवन उर्फ खरहा को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी उपेंद्र शर्मा का दावा है कि पवन भी रितुराज के साथ रुपेश की हत्या करने में शामिल था।
मंगलवार को पवन की गिरफ्तारी अगमकुआं थाना इलाके के कुम्हरार गांव से उस वक्त की गयी जब वह दिल्ली से पटना लौटकर अपने किराये के मकान की ओर जा रहा था। पुलिस के मुताबिक आईओसीएल कॉलोनी में स्थित पवन के किराये के मकान से एक पिस्टल, पांच गोलियां, तीन खोखे, तीन सिमकार्ड और हत्या में इस्तेमाल की गयी बाइक बरामद की गयी है। इस संबंध में एसएसपी ने बताया कि पवन ने यह कबूल किया है कि उसने भी रूपेश सिंह के ऊपर गोली चलायी थी। बीते वर्ष 2018 में उस पर आम्र्स एक्ट के दो केस बिहटा और नौबतपुर थाने में दर्ज हुए थे। पूर्व में भी वह जेल जा चुका है। रितुराज को गिरफ्तार करने के लगभग 50 दिनों बाद पुलिस ने पवन को पकड़ा है।
हत्या के बाद कई दिनों तक पटना में रहा आरोपित
पवन को पकड़ने वाली पुलिस टीम की मानें तो रूपेश सिंह की हत्या के बाद दस दिनों तक आरोपित पवन पटना में ही रहा था। रितुराज की गिरफ्तारी होने के बाद वह भागने लगा। एसएसपी ने बताया कि सबसे पहले वह कंकड़बाग स्थित अपने बहन के यहां गया। इसके बाद बड़हिया और लखीसराय में स्थित अपने रिश्तेदारों के घर ठहरा।
गया से लेकर दिल्ली तक पुलिस करती रही पीछा
पुलिस से बचने के लिये पवन गया के मानपुर में जाकर छिप गया। इसके बाद वह वाराणसी चला गया। वहां भी पटना पुलिस उस पर नजर रख रही थी। वाराणसी में कुछ दिनों तक ठहरने के बाद पवन दिल्ली में जाकर छिप गया। कुछ दिनों तक वहां रहने के बाद वह पटना लौटा। यहां आते ही वह पकड़ा गया।
दोस्त की दुश्मनी की खातिर की हत्या
पुलिस की मानें तो पकड़े गये आरोपित पवन ने भी वही बातें बतायी हैं जो रितुराज ने कही थी। पवन का कहना है कि सड़क हादसे के दौरान रूपेश ने रितुराज के साथ मारपीट की थी। इस कारण उसने उनकी हत्या करने की साजिश रची।
अब भी दो आरोपित फरार, होगी कुर्की
इस मामले में अब भी दो आरोपित पुलिस गिरफ्त से फरार चल रहे हैं। पुलिस उन दोनों की गिरफ्तारी के लिये अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है। एसएसपी ने बताया कि आरोपितों का वारंट लेने के बाद उनके घरों की कुर्की-जब्ती भी की जा सकती है। आरोपित पवन के घर में उसका भाई सौरभ कुमार और बहन रहते हैं। सभी पत्रकारनगर थाना इलाके के महादेव मार्केट योगीपुर चौक के समीप रहते हैं। पवन के पिता स्वर्गीय प्रशांत कुमार थे। भाई-बहनों को छोड़कर वह अपराध करने की मंशा से खुद को सबसे अलग रखता था। पुलिस ने पवन के इस घर पर भी छापेमारी की थी। उसके भाई से भी पूछताछ की गयी।
रितुराज के कहने पर ही की थी हत्या
ऋतुराज के कहने पर ही पवन उसके साथ रूपेश की हत्या करने निकला था। सबसे पहले दोनों बहादुरपुर थाना क्षेत्र स्थित अपने एक दोस्त के घर में गए। वहां से सभी चमनचक पहुंचे। फिर हत्या करने के लिए बेली रोड की ओर निकले। दोस्ती की खातिर पवन रितुराज के साथ इस हत्याकांड में साथ चलने के लिये तैयार हुआ। ये सभी अक्सर मुन्नाचक चित्रगुप्तनगर में साथ उठते-बैठते थे।