अशोक कुमार गुप्ता ,लखनऊ |संसद के उच्च सदन राज्यसभा ने २०१६ को रियल एस्टेट बिल को मंजूरी दे दी. अब यह बिल क़ानून का रूप ले चूका है |इसमें रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया है. सरकार ने इस विधेयक के पारित होने से पहले राज्यसभा की प्रवर समिति द्वारा सुझाए गए 20 संशोधनों को स्वीकार किया. विधेयक 2013 से राज्यसभा में लंबित था. विधेयक का लक्ष्य रियल एस्टेट उद्योग को नियमित करना और प्रमोटरों के घोटालों से संपत्ति खरीदारों के हितों की रक्षा करना है. ये हैं इस विधेयक की 10 मुख्य बातें:
1. बिल्डरों को तय समयसीमा में देना होगा फ्लैट
2. प्रॉपर्टी एजेंटों का रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी में पंजीकरण अनिवार्य
3. सभी राज्यों में होगा अथॉरिटी का गठन
4. खरीदारों की शिकायतों की सुनवाई जल्द सुनी जाएगी
5. हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के जल्द क्लीयरेंस के लिए होगी सिंगल विंडो सिस्टम
6. हाउसिंग ही नहीं व्यवसायिक प्रॉपर्टी पर भी नियम होंगे लागू
7. धोखेबाजी से मिलेगी निजात
8. हाउसिंग ही नहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी पर भी लागू होंगे नियम
9. आएगी सिस्टम में पारदर्शिता
10. प्लान में बदलाव से पहले 2/3 खरीदारों की मंजूरी जरूरी
3. सभी राज्यों में होगा अथॉरिटी का गठन
4. खरीदारों की शिकायतों की सुनवाई जल्द सुनी जाएगी
5. हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के जल्द क्लीयरेंस के लिए होगी सिंगल विंडो सिस्टम
6. हाउसिंग ही नहीं व्यवसायिक प्रॉपर्टी पर भी नियम होंगे लागू
7. धोखेबाजी से मिलेगी निजात
8. हाउसिंग ही नहीं कमर्शियल प्रॉपर्टी पर भी लागू होंगे नियम
9. आएगी सिस्टम में पारदर्शिता
10. प्लान में बदलाव से पहले 2/3 खरीदारों की मंजूरी जरूरी