यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार का शंखनाद कर दिया है. रविवार को लखनऊ के ताज होटल में आयोजित संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा कि मोदी के शब्दों में ये गठबंधन ट्रिपल पी है. यानी प्रोग्रेस, प्रॉस्पेरिटी और पीपुल्स है. वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि राहुल और मैं विकास, खुशहाली के पहिए हैं, मिलकर प्रदेश को आगे बढ़ाएंगे.
राहुल गांधी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पहला शब्द उत्तर है. ये गठबंधन एक जवाब है. इतिहास में यूपी ने दुनिया को जवाब दिया है. 1857 में कंपनी राज था, यूपी की प्रोग्रेसिव सोच मिलीं और कंपनी राज का मिलकर जवाब दिया.
राहुल ने कहा कि मोदी जी के शब्दों में ये ट्रिपल पी है, प्रोग्रेस, प्रॉस्पेरिटी और पीपुल्स. राहुल ने कहा कि मेरी अखिलेश के साथ जो व्यक्तिगत संबंध हैं, वह अब राजनीतिक तौर पर भी हो गया है. इसे हम आगे बढ़ाएंगे.
इसके बाद सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने बात जहां से छोड़ी, मैं वहीं से शुरू करता हूं. लोकसभा में हम साथ रहे. हम एक दूसरे को जानते हैं, बड़ी बात ये है कि हमें अब साथ काम करने का मौका मिला है. आबादी के लिहाज से यूपी एक बड़ा प्रदेश है, देश को राह दिखाता है. मैं भरोसा दिला सकता हूं कि जिस रफ्तार से यूपी में काम हुआ है, कांग्रेस के आ जाने से और भी तेजी से काम होगा.
किसी को शक नहीं है कि 300 से ज्यादा सीटें हम जीतेंगे. बांटने, दूर रखने की राजनीति के हम दोनों विकास, खुशहाली के पहिए हैं, मिलकर आगे बढ़ाएंगे.
अखिलेश ने कहा कि चुनाव में कम समय है. पहली बार ऐसा है, जब यूपी में लोगों ने मन में सरकार ही बना ली है. उन्हें जवाब मिलेगा, जिन्होंने लोगो को लाइन में खड़ा कर दिया. अब लोग लाइन में लगकर नोटबंदी का जवाब देंगे.
‘सपा-कांग्रेस में कई समानताएं हैं हम उसी को आगे ले जाना चाहते हैं’
पत्रकारों ने जब कांग्रेस के ’27 साल यूपी बेहाल’ के स्लोगन पर सवाल पूछा तो राहुल गांधी ने कहा कि मैंने एक कार्यक्रम में ये बात कही थी कि अखिलेश अच्छा लड़का है, उसे काम नहीं करना दिया जा रहा है. हम क्रोध और गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते हैं इसलिए ये गठबंधन किया है.
अखिलेश और मेरा रिश्ता है, दोस्ती है, एक ये अलग बात है. हम यूपी के युवाओं को नई तरीके की राजनीति देना चाहते हैं. सपा कांग्रेस में कई समानताएं की बातें हैं, इस पर हम चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों पार्टियों को इसमें आगे बढ़ना होगा.
कैंपेन की रणनीति बताने से राहुल गांधी ने इंकार किया. उन्होंने कहा कि हमारी सोच है कि गंगा और यमुना की धारा को एक साथ लाया जाए. सभी एक विचारधारा के लोग एक साथ आएं और साम्प्रदायिक शक्तियों को बताएं कि उत्तर प्रदेश के डीएनए में क्रोध नहीं है.
इस गठबंधन को 2019 तक ले जाने के सवाल पर राहुल ने कहा कि हमारा गठबंधन यूपी में साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए किया गया है. लोकसभा चुनाव में गठबंधन होगा या नहीं इस पर चर्चा के रास्ते खुले हैं.
‘कैराना पर भाजपा की टास्क फोर्स उन्हीं को पकड़ेगी’
कैराना मामले में भाजपा द्वारा टास्क फोर्स बनाने की बात पर अखिलेश यादव ने कहा कि टास्क फोर्स उन्हीं को पकड़ेगी. भाजपा द्वारा लगाए गए आरोप कि भ्रष्टाचारी और गुंडागर्दी करने वाले एक साथ आए हैं के सवाल पर राहुल ने कहा कि भ्रष्टाचारी तो वो हैं.
‘1996 में बसपा के साथ गठबंधन गलत था, सपा के साथ ठीक है’
1996 में नरसिम्हा राव ने बसपा के साथ समझौता किया था, 21 साल बाद कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन कर रही है. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि इतिहास बदलता रहता है. यह कहना कि उस समय गठबंधन गलत था तो इस समय भी गठबंधन गलत है, ये कहना ठीक नहीं है. उस समय गठबंधन गलत था, इस समय ठीक है. देश के लिए, कांग्रेस के लिए और सपा के लिए भी.
‘मायावती और भाजपा में अंतर है, बसपा की विचारधारा से देश को खतरा नहीं है’
मायावती के साथ कांग्रेस के सबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल ने कहा कि मायावती और आरएसएस की तुलना नहीं की जा सकती. मायावती की मैं व्यक्तिगत तौर पर सम्मान करता हूं. कांशीराम का भी वैसे ही सम्मान करता हूं.
मायावती और भाजपा में अंतर है. भाजपा क्रोध फैलाती है, एक दूसरे से सभी को लड़ाती है, उसकी विचारधारा से देश को खतरा है. मायावती की विचारधारा से देश को खतरा नहीं है. सभी धर्मों को एक साथ आना होगा.
अखिलेश की नीयत सही है, इसीलिए हम साथ हैं: राहुल
अखिलेश के प्रदर्शन पर राहुल ने कहा कि एक बात मैं अखिलेश के बारे में कह सकता हूं कि सोच इनकी सही है. कोशिश भी पूरी है. हम जानते हैं कि अखिलेश की नीयत सही है. वह चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश को कैसे बदलें. इसीलिए हम साथ हैं.
आरएसएस और भाजपा की नीयत साफ नहीं है. मोदी जी कहते हैं मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ हूं. मेक इन इंडिया करना चाहता हूं. लेकिन सब खोखले हैं. भ्रष्टाचार में सुखबीर बादल के साथ हैं.
अखिलेश की नीयत सही थी, काम करते थे थोड़ी कमी रह गई. ऐसा कांग्रेस के साथ भी है. यूपीए 2 फिर नहीं आएगी, यूपी 3, 4, 5 आएगी. कोई नहीं कह सकता कि अखिलेश ने कुछ नहीं दिया. वह हो गया, हम नए तरीके से युवाओं के लिए प्लेटफार्म तैयार करना चाहते हैं.
इससे पहले राहुल गांधी जहां सीधे एयरपोर्ट से होटल पहुंचे, वहीं अखिलेश यादव मुख्यमंत्री आवास से पहुंचे. प्रेस कांफ्रेंस से पहले गठबंधन का नया स्लोगन ‘यूपी को ये साथ पसंद है’ जारी किया गया, ये स्लोगन ‘बेबी को बेस पसंद है’ गाने की तर्ज पर बनाया गया है.
अधिकतर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से निकलेगा रोड शो
संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के बाद दोपहर 2 बजे से राहुल और अखिलेश का करीब 12 किलोमीटर लंबा रोड शो शुरू होगा. इसकी शुरुआत दोनों नेताओं द्वारा हजरतगंज में गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके होगी. गांधी प्रतिमा से दोनों नेता हजरतगंज होते हुए लालबाग पहुंचेंगे. यहां से कैसरबाग की तरफ मुड़ जाएंगे और रोड शो नजीराबाद होते हुए अमीनाबाद चौराहे पहुंचेगा.
अमीनाबाद से रोड शो मौलवीगंज होते हुए रकाबगंज चौराहा, फिर नक्खास चौराहा पहुंचेगा. यहां से रोड शो चौक चौराहा होते हुए घंटाघर पहुंचेगा. घंटाघर पर रोड शो जनसभा में तब्दील हो जाएगा. यहां दोनों नेता जनता को संबोधित करेंगे.
दिलचस्प बात ये है कि रोड शो का जो रूट बनाया गया है, उसमें ज्यादातर इलाके मुस्लिम बाहुल्य इलाके आते हैं. इनमें अमीनाबाद, मौलवीगंज, रकाबगंज, नक्खास, चौक, घंटाघर शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंधन के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.
केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.
प्रदेश की जनता को पहले ही पूरा कर चुके हैं इसलिए ये घोषणा पत्र पूरी तरह सपा की फोटोकॉपी है.
घोषणापत्र में प्रमुख वायदे एक जैसे
शिक्षा क्षेत्र
सपा: सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज को वाईफाई युक्त किया जाएगा.
भाजपा: सभी कॉलेजों, विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-वाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
सपा: सभी इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की उपलब्धता और आवश्यक सुविधाओं जैसे फर्नीचर, लेबोरेटरी और शौचालय की व्यवस्था की जाएगी.
भाजपा: सभी सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का आधुनिकीकरण किया जाएगा. प्रत्येक विद्यालय में एक कक्ष, शिक्षक और एक कक्ष के न्यूनतम अनुपात
को शत-प्रतिशत लागू किया जाएगा.
सपा: मुफ्त लैपटॉप वितरण योजना चालू रखी जाएगी. यही नहीं स्मार्टफोन योजना के लिए पंजीकरण चालू रखा जाएगा.