राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की युवा इकाई के कार्यकर्ताओं ने नए नागरिकता कानून के खिलाफ शनिवार को यहां जदयू कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया. बता दें, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) भाजपा की सहयोगी पार्टी है, जिसने संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया था. राजद की बिहार इकाई के अध्यक्ष कारी सोहेब ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 पर जदयू के रुख पर अपना विरोध दर्ज कराना है. हमने जद (यू) के संविधान की एक प्रति भी जला दी, क्योंकि उसने धर्मनिरपेक्षता के अपने मूल सिद्धांत के साथ समझौता किया.’बता दें, राजद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में 21 दिसंबर को बिहार बंद का आह्वान किया है|
इसके साथ ही पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस कानून ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं. लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने शुक्रवार देर रात इसकी घोषणा की. उन्होंने ‘संविधान और न्याय के सिद्धांत में विश्वास रखने वाले’ सभी राजनीतिक और गैर-राजनीतिक संगठनों से बंद में भाग लेने की अपील की. बंद की तारीख पहले 22 दिसंबर निर्धारित की गई थी, लेकिन बाद में इसे एक दिन पहले कर दिया गया ताकि अगले रविवार को होने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा प्रभावित न हो. 30 वर्षीय तेजस्वी ने पहले ट्वीट किया, ‘संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक जैसे काले कानून के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल 22 दिसंबर,रविवार को ‘बिहार बंद’ करेगा|
हम सभी संविधान प्रेमी, न्यायप्रिय, धर्मनिरपेक्ष दलों, गैर-राजनीतिक संगठनों और आम जनमानस से अपील करते है कि वे बढ़-चढ़कर इसे सफल बनाने में सहयोग दें.’ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसके बाद एक और ट्वीट कर बंद की तारीख में सुधार किया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘सुधार- बिहार बंद 21 दिसंबर, शनिवार को रहेगा क्योंकि 22 दिसंबर को बिहार पुलिस बहाली की परीक्षा है. नौजवानों और परीक्षार्थियों को बिहार बंद के चलते परीक्षा स्थल पर पहुंचने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो इसलिए बिहार बंद अब शनिवार, 21 दिसंबर को रहेगा|