नई दिल्ली। बीजेपी के तीन सांसद जो अब राज्यों की सत्ता देख रहे हैं वो फिलहाल संसद की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देंगे। कहा जा रहा है कि वे जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के बाद संसद की सदस्यता छोड़ेंगे। इन सांसदों में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर शामिल हैं।
दिनेश शर्मा दे चुके हैं इस्तीफा योगी आदित्यनाथ और केशव मौर्य लोकसभा से सांसद हैं जबकि पर्रिकर राज्यसभा से सांसद हैं। वहीं यूपी के दूसरे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने पहले ही लखनऊ के मेयर पद से इस्तीफा दे दिया है। इन तीनों बीजेपी सांसदों को छह महीने के अंदर राज्य के विधानमंडल की सदस्यता लेनी होगी। यह समय सीमा सितंबर तक है।
‘हमारे पास अभी और गंभीर मुद्दे हैं’ बीजेपी के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘उन्हें अपने राज्यों में किसी न किसी सदन से छह महीने के अंदर चुना जाना है और सदस्य चुने जाने के 14 दिनों के अंदर उन्हें लोकसभा और राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा। हमें किसी भी तरह उपचुनाव कराने की जल्दी नहीं है। हमारे पास और भी गंभीर मुद्दे हैं।’
पूर्व सीएम के बेटे ने योगी के लिए की सीट छोड़ने की पेशकश बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी का पूरा ध्यान अब जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों पर है ताकि अपनी पसंद के व्यक्ति को राष्ट्रपति बना सके। योगी और मौर्य के पास विधानसभा चुनाव लड़ने या विधान परिषद की सदस्यता लेने का विकल्प है। योगी से पहले दो मुख्यमंत्री मायावती और अखिलेश यादव ने भी चुनाव नहीं लड़ा था। वे विधानपरिषद के सदस्य थे। यूपी के पूर्व सीएम वीर बहादुर सिंह के बेटे फतेह बहादुर सिंह ने गोरखपुर के पास कैंपियरगंज सीट योगी के लिए छोड़ने की पेशकश की है।