अयोध्या में अद्वितीय राम मंदिर निर्माण के खाके के साथ जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती सोमवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली रवाना होंगे। बैठक से पहले जगदगुरु मंदिर निर्माण की रूपरेखा पर अयोध्या जाकर प्रमुख साधु-संतों की नब्ज भी टटोलेंगे। इससे पहले रविवार को मंदिर निर्माण को लेकर शंकराचार्य आश्रम में दिन भर मंथन होता रहा।
अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम में विहिप के प्रांतीय संगठन मंत्री लालमणि तिवारी के अलावा संगठन से जुड़े अन्य कई नेता मंदिर निर्माण की रूपरेखा पर स्वामी वासुदेवानंद के साथ चर्चा करते रहे। इस दौरान कार सेवा की तर्ज पर ही मंदिर निर्माण में भी उत्तर-दक्षिण व पूरब-पश्चिम से सनातनधर्मियों के हाथ बंटाने का उम्मीद जताई गई। फोन पर भी विहिप के अलावा मंदिर आंदोलन से जुड़े प्रमुख संत व नेता जगदगुरु केसंपर्क में लगातार बने रहे। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती सोमवार की सुबह आठ बजे वह अयोध्या के लिए रवाना होंगे।
उन्होंने बताया कि वह अयोध्या में सुग्रीव किला में आयोजित स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज के बैकुंठोत्सव में कुछ देर रुकने केबाद लखनऊ चले जाएंगे। लखनऊ में ट्रस्ट के स्वरूप, मंदिर निर्माण की रुपरेखा समेत अन्य पहलुओं पर कुछ नेताओं से भी उनकी मुलाकात हो सकती है। इसके बाद वह मंगलवार को दिल्ली पहुंचेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि उनकी पहली चिंता अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण को लेकर है। रामकाज पूरा करने के बाद बी वह विश्राम नहीं लेंगे। जगदगुरु स्वामी वासुदेवानंद ने कहा कि अयोध्या में मंदिर निर्माण केबाद अगर शरीर ने साथ दिया तो वह बाबा काशी विश्वनाथ को मुक्त कराने के लिए दूसरे चरण की कारसेवा का श्रीगणेश करेंगे। उल्लेखनीय है कि मंदिर आंदोलन के दौरान स्वामी वासुदेवानंद कारसेवा समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं।