संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। आज ही राज्यसभा का 250वां सत्र है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा को संबोधित कर रहे हैं। राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘राज्य सभा के 250वें सत्र के दौरान मैं यहां उपस्थित सभी सांसदों को बधाई देता हूं। लेकिन 250 सत्रों की ये जो यात्रा चली है, उसमें जिन-जिन सांसदों ने योगदान दिया है वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। मैं उनका आदरपूर्वक स्मरण करता हूं।’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘250 सत्र ये अपने आप में समय व्यतीत हुआ ऐसा नहीं है। एक विचार यात्रा रही। समय बदलता गया, परिस्थितियां बदलती गई और इस सदन ने बदली हुई परिस्थितियों को आत्मसात करते हुए अपने को ढालने का प्रयास किया। सदन के सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं। कभी चर्चा चल रही थी संविधान निर्माताओं के बीच में कि सदन एक हो या दो हो, लेकिन अनुभव कहता है कि संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी है वो कितनी उपयुक्त है। अगर निचला सदन जमीन से जुड़ा हुआ है तो दूसरा उच्च सदन दूर तक देख सकता है।’
उन्होंने कहा, ‘भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है। इस सदन के दो खास पहलू हैं- पहला स्थायित्व, दूसरा विविधता। स्थायित्व इसलिए महत्वपूर्ण है कि लोकसभा तो भंग होती रहती है लेकिन राज्य सभा कभी भंग नहीं होती और विविधता इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योंकि यहां राज्यों का प्रतिनिधित्व प्राथमिकता है।’