राजस्थान के सभी बड़े शहरों को आज मेयर मिल जाएंगे जिसमें से पहली बार छह नगर निगम में से 5 में महिला मेयर बनेंगी. जयपुर, जोधपुर और कोटा के दो-दो नगर निगमों में चुनाव के बाद से क्रॉस वोटिंग के डर से बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने पार्षदों को होटल और रिसॉर्ट में बंद कर रखा था.
राजस्थान के सभी बड़े शहरों को आज मेयर मिल जाएंगे जिसमें से पहली बार छह नगर निगम में से 5 में महिला मेयर बनेंगी. जयपुर, जोधपुर और कोटा के दो-दो नगर निगमों में चुनाव के बाद से क्रॉस वोटिंग के डर से बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने पार्षदों को होटल और रिसॉर्ट में बंद कर रखा था.
जानकारी के मुताबिक आज सभी छह नगर निगम चुनाव में दिन में 10:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक वोट डाले जाएंगे और उसके बाद मतगणना होगी. शाम 3:00 बजे तक माना जा रहा है कि सभी छह नगर निगम में मेयर चुन लिए जाएंगे. 10 बजते ही सभी पार्टियां अपने-अपने पार्षदों को बसों में भरकर मतदान केंद्र तक लेकर आएंगे और वहां पर कड़ी निगरानी में रखा जाएगा. कोटा दक्षिण के बीजेपी के पार्षदों को भी मध्यप्रदेश के पंचमढ़ी से लाया जा रहा है.
बता दें कि जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है इसलिए वहां पर उनके प्रत्याशी सौम्या गुर्जर आसानी से मेयर बन सकती हैं तो दूसरी तरफ जयपुर हेरिटेज में कांग्रेस निर्दलीय पार्षदों के बल पर मुनेश गुर्जर को मेयर बनाने में कामयाब रहेगी. इसी तरह से जोधपुर उत्तर में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है इसलिए कुंती परिहार जोधपुर उत्तर नगर निगम का मेयर बनेंगी तो जोधपुर दक्षिण में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है ऐसे में वनीता सेठ बीजेपी की तरफ से मेयर बनेंगी.
इसी तरह कोटा उत्तर में भी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है और वहां पर मंजू मेहरा मेयर बनेंगी. कोटा दक्षिण को लेकर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है क्योंकि वहां पर कांग्रेस और बीजेपी के 36-36 पार्षद जीते हैं जीते हुए 8 निर्दलीय पार्षदों में से चार बीजेपी के पास हैं तो तीन कांग्रेस के पास हैं मगर बीजेपी के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के भतीजे ओम गुंजल को लेकर कशमकश बना हुआ है कि आखिर वह किस के पाले में जाएंगे.
वहीं दूसरी ओर कोटा दक्षिण में बीजेपी की तरफ से विवेक राजवंशी मेयर पद के उम्मीदवार हैं तो कांग्रेस के तरफ से राजीव अग्रवाल हैं, माना जा रहा है कि यहां मुकाबला रोचक होने जा रहा है. कोटा दक्षिण को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों आपस में भिड़ी हुई है. यहां पर माना जा रहा है कि नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बीच राजनीतिक संघर्ष है जिसकी वजह से सरकार पर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर पार्षदों को डराने का भी आरोप लग रहा है.
हालांकि मेयर पद को लेकर दोनों ही पार्टियों में भारी असंतोष है जिसकी वजह से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही क्रॉस वोटिंग के डर से डरी हुई है. पार्टी के सीनियर नेता लगातार पार्षदों पर निगरानी रखे हुए हैं.