दोपहर को लखनऊ पहुंचे अनुराग के पिता बीएन तिवारी ने हत्या का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि अनुराग वर्ष 2007 बैच के कर्नाटक काडर के आईएएस अधिकारी थे। उन्होंने यूपीटीयू से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक किया था। वह बंगलूरू में फूड सिविल सप्लाइज़ एंड कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट में कमिश्नर थे। बुधवार सुबह करीब छह बजे वह लोअर और टी-शर्ट पहनकर टहलने निकले थे।
गेस्टहाउस से बाहर निकलते ही गिर पड़े। राहगीरों ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। इस पर हजरतगंज कोतवाली के एसएसआई दुर्गादत्त सिंह मौके पर पहुंचे और उन्हें सिविल अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कपड़ों की तलाशी में पर्स से 3500 रुपये, एटीएम कार्ड और कर्नाटक सरकार का आईकार्ड मिलने पर पुलिस के होश उड़ गए। एसएसआई से सूचना पाकर एसएसपी और अन्य पुलिस अधिकारी सिविल अस्पताल पहुंचे।
लखनऊ में तैनात उनके बैच के आईएएस व आईपीएस साथी भी पहुंचे। एसएसपी ने एलडीए वीसी को फोन करके अनुराग की मौत की सूचना दी तो वह सन्न रह गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि सुबह करीब साढ़े छह बजे वह बैडमिंटन खेलने निकले तो अनुराग कमरे में नहीं थे। उनका मोबाइल फोन चार्जिंग में लगा था। उन्हें लगा कि अनुराग मॉर्निंग वॉक पर गए होंगे।
अनुराग ने पकड़ा था बड़ा घोटाला
उल्टा फूड एंड सप्लाई विभाग के सचिव व अन्य आला अधिकारी अनुराग से नाराज हो गए। उन पर घोटाले को दबाने व शिकायत वापस लेने का भी दबाव पड़ रहा था। हालांकि, अनुराग ने घोटाले से संबंधित फाइल सीबीआई को भेजते हुए जांच कराने की मांग की थी।
परिवारीजनों का कहना है कि घोटाले की शिकायत से नाराज अधिकारियों और कर्नाटक सरकार ने मिलकर अनुराग की हत्या की साजिश रची है। आलोक के मुताबिक उनका भाई सिस्टम से लड़ रहा था। अपनी ईमानदारी की वजह से ही उन्हें जान से हाथ धोना पड़ा।