यूपी में मंत्री बनाने का लेता था ठेका, अमित शाह बनकर करता था फोन

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का निजी सचिव बनकर छोटे नेताओं को मंत्री, एमएलसी बनवाने और विधायकी का टिकट दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को हजरतगंज में गिरफ्तार कर लिया गया। इन लोगों ने प्रयागराज की महिला नेता रीता सिंह को मंत्री बनवाने के लिये एक करोड़ रुपये मांगे थे। बतौर टोकन मनी चार लाख रुपये वसूल भी लिये थे। इसी तरह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से विधायक का टिकट दिलाने के नाम पर एक युवक से चार लाख रुपये लिये। महिला नेता की शिकायत पर हजरतगंज पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। इनमें दो उत्तराखंड और दो यूपी के बरेली व लखनऊ के हैं। दो फरार साथियों की तलाश की जा रही है।

इंस्पेक्टर हजरतगंज श्याम बाबू शुक्ला के मुताबिक प्रयागराज की रीता सिंह ने चार दिन पहले बताया था कि कुछ लोग उनसे भाजपा कार्यालय पर मिले थे। इन लोगों ने खुद को गृहमंत्री अमित शाह का करीबी बताया। फिर उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद दिलाने की बात कही। इसके लिये रीता से एक करोड़ रुपये की मांग की। आरोपियों ने विश्वास दिलाने के लिये अमित शाह के साथ कई फोटो दिखायी। इस पर ही वह झांसे में आ गई और चार लाख रुपये एडवांस दे दिये। इन लोगों ने वादा किया कि मंत्री मंडल विस्तार होने पर उन्हें भी शपथ दिलायी जायेगी। रुपये मिलने के बाद ये लोग पहले की तरह मिलना बंद कर दिया। रीता ने मंत्री बनवाने के बारे में पूछताछ की तो ये लोग टालमटोल करने लगे। इस पर उन्होंने रिपोर्ट लिखा दी थी। 

उत्तराखंड का ठग बन जाता था गृहमंत्री

एसीपी क्राइम प्रवीण मलिक के मुताबिक जालसाजों में उद्यमसिंह नगर निवासी शमीम अहमद खान, हसनैन अली, गोमतीनगर निवासी हिमांशु सिंह और बरेली, नवाबगंज निवासी जाने आलम है। हिमांशु मूल रूप से बलिया के रानीगंज कोटवा का है। फरार साथियों में बरेली, नवाबगंज का शाहिद व उद्यमसिंहनगर, सिसैया निवासी विजय उर्फ बबलू हैं। क्राइम ब्रांच के मुताबिक हसनैन ही फोन पर खुद को गृहमंत्री अमित शाह बनकर बात करता था। वह उनकी तरह आवाज निकालने की कोशिश करता था। किसी को शक होता तो बता दिया जाता कि कुछ तबियत खराब है। उसके साथी हसनैन का नम्बर गृहमंत्री नाम से मोबाइल में सेव कर रखे थे। बरेली का शाहिद गृहमंत्री का निजी सचिव बनता था। शाहिद ही चंगुल में फंसे लोगों के सामने गृहमंत्री का फोन मिलाकर व्हाटसएप कॉल करता था। उसने रीता सिंह की कई बार फर्जी गृहमंत्री बने हसनैन से बात करायी थी। 

विधायक व एमएलसी का टिकट दिलाने के कई को फंसाया

आरोपियों ने कुबूला कि वह लोग छोटे नेताओं को झांसे में लेते थे। कई छुटभैये भाजपा नेताओं को विधानसभा व एमएलसी का टिकट दिलाने के लिये खुद को बड़ा नेता व उनका पीए बताकर फंसाते थे। फिर ये लोग हसनैन से फोन पर बात करते और जताते की गृहमंत्री से बात हो रही है। रीता को इन लोगों ने एमएलसी बनाने का झांसा दिया था ताकि उन्हें मंत्री बनने में कोई बाधा न आये। 

छह लोगों से वसूली रकम

पुलिस अफसरों ने दावा किया है कि चारों लोगों ने छह लोगों से रकम वसूलने की बात कुबूली है। इस बारे में पड़ताल की जा रही है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष बनकर भी कई लोगों से बात की। इन पीड़ितों से तीन से आठ लाख रुपये तक वसूले गये। झांसे में आये लोगों से रकम मिलने पर कुछ दिन तक बात करते, फिर उनका नम्बर ब्लॉक कर देते थे। एडीसीपी पूर्वी चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक अभी यह साफ नहीं हुआ है कि कितनी रकम अब तक वसूली गई है। इनसे सामने आयी जानकारियों के आधार पर पड़ताल की जा रही है।

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