बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से 17 जिलों में 1.77 लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। आधिकारिक रिपोर्ट में कुल 3.45 लाख किसानों के प्रभावित होने का दावा किया गया है। मात्र 12381 हेक्टेयर रकबे में 33 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान बताया गया है।
हालांकि, अधिकतर जिलों के किसान इस आपदा में भारी नुकसान होने की बात कह रहे हैं। कृषि मंत्री ने सभी जिलों के कृषि अधिकारियों को नुकसान का शत-प्रतिशत आकलन सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं।
आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि 6 व 7 मार्च के बीच वर्षा और ओलावृष्टि से 17 जिलों में 3 लाख 45 हजार 786 किसानों की कुल 177184.59 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है। शुक्रवार-शनिवार को 24 घंटे में 5 जिलों फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, औरेया, आगरा और फतेहपुर में 12381.77 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 33 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति की सूचना मिली है।
यहां बता दें कि 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर भारत सरकार की ओर से भी मुआवजा दिया जाता है। 41357 किसानों को 16.68 करोड़ रुपये की कृषि निवेश अनुदान राशि देय है। अनुदान राशि वितरित किए जाने की कार्यवाही की जा रही है। शेष 58 जिलों में फसलों को नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है।
वर्ष 2019-20 में जिलों को ओलावृष्टि के लिए 24.49 करोड़ रुपये की धनराशि अग्रिम दे दी गई थी। 7 मार्च को ओलावृष्टि और वर्षा मद में 15 जिलों को 19.68 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है।
इसके तहत जालौन को 106.40 लाख, सीतापुर को 37.20 लाख, सोनभद्र को 36 लाख, आगरा को 1377.54 लाख, फतेहपुर को 5.87 लाख, झांसी को 4.5 लाख, फर्रूखाबाद को 1.38 लाख, कानपुर देहात को 174.89 लाख, औरेया को 104.42 लाख और फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, झांसी व उन्नाव को ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 20-20 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है।
नुकसान का आंकलन सुनिश्चित करें अफसर : शाही
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि सभी जिलों के उप कृषि निदेशक और जिला कृषि अधिकारी अपने-अपने जिलों में ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का सर्वे सुनिश्चित करें।
उन्होंने बीमा कंपनियों को भी निर्देश दिए कि वे भी जिलों में अपने अधिकारियों के माध्यम से नुकसान का आकलन कराकर उसकी भरपाई सुनिश्चित करें। शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को इस आपदा से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
शाही ने कहा कि सभी बीमित किसान फसलों को हुए नुकसान की सूचना 72 घंटे के भीतर बीमा कंपनियों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। ओलावृष्टि, जल भराव, भूस्खलन और आकाशीय बिजली से फसल को क्षति की स्थिति में सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर 1800120909090 पर करना आवश्यक है।
इसके अलावा किसान संबंधित बैंक शाखा, जिले के कृषि, राजस्व विभाग के किसी अधिकारी, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के माध्यम से भी व्यक्तिगत दावा बीमा कंपनी को प्रस्तुत कर सकते हैं। जिलास्तर पर कृषि, राजस्व एवं बीमा कंपनी के अधिकारियों की संयुक्त समिति आपदा प्रभावित क्षेत्र में सर्वे करके नुकसान का आकलन करेगी।