प्रदेश में आदर्श किराया नियंत्रण कानून बनाने का काम चल रहा है। इसके लिए तैयार हो रहे ड्राफ्ट को राज्य सरकार जल्द फैसला कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखेगी।
इस नए कानून के निर्धारण के लिए गठित जस्टिस एसयू खान समिति व राज्य विधि आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप चुके हैं। आवास विभाग इसका अध्ययन कर रहा है जिसके बाद ऊपर से सहमति लेकर इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाना है।
राज्यों में आदर्श किराया नियंत्रण कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ अरसा पहले माडल टेनेंसी एक्ट – 2019 तैयार कर इसे सभी प्रदेशों को इस सुझाव के साथ भेजा था कि राज्यों की सरकारें इसे अपने अनुसार लागू करें।
प्रदेश सरकार के आवास विभाग ने इस पर राज्य विधि आयोग को अध्ययन करने को कहा। आयोग ने अपने अध्ययन में केंद्र सरकार के ड्राफ्ट के कई बिंदुओं पर असहमति जताते हुए शासन को 10 सितंबर 2018 को अपनी रिपोर्ट व ड्राफ्ट भेजा।
जो प्रस्ताव तैयार किया उसका परीक्षण करने के लिए टेनेंसी एक्ट के विशेषज्ञ जस्टिस एसयू खान की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति ने आयोग के प्रस्ताव के अधिकांश बिंदुओं पर सहमति जताते हुए अपनी अंतरिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी।
इसके बाद राज्य सरकार ने आयोग से राज्य के पुराने किराया नियंत्रण कानून व केंद्र सरकार के नए ड्राफ्ट की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार करने को कहा।
आयोग ने सरकार की मंशा समझने के लिए आयोग ने आवास विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ विमर्श किया। इसके बाद राज्य के पुराने व केंद्र के माडल टेनेंसी एक्ट, दोनों अधिनियमों का अध्ययन कर 25 नवंबर 2019 को अपनी तुलनात्मक अध्ययन की रिपोर्ट शासन को सौंप दी।
आयोग की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
– किराएदारी के मामलों के निर्धारण के मामलों में प्रशासनिक दखल हटा कर इसे पूरी तरह न्यायिक प्रक्रिया के तहत किया जाना।
– किराएदारी के एग्रीमेंट को लेकर स्पष्ट व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना।
– आवासीय व व्यावसायिक दोनों तरह के किराए में प्रति वर्ष पांच से सात फीसदी की वृद्धि आदि।
– आयोग ने राज्य व केंद्र के एक्ट का तुलनात्मक अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। अब शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।
– सपना त्रिपाठी, सचिव सदस्य, राज्य विधि आयोग
– आयोग की रिपोर्ट मिल चुकी है। इसका अध्ययन किया जा रहा है जिसे शासन की सहमति पर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
– दीपक कुमार, प्रमुख सचिव, आवास