कोराेना के बढ़ते मरीजों और मौतों के बीच रेलवे ने देश के कई प्रदेशों में ऑक्सीजन के संकट को दूर करने के लिए मदद के तौर पर ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई है। लखनऊ जंक्शन से भी एक ऑक्सीजन एक्सप्रेस बोकारो के लिए रवाना की गई है।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर जानकारी दी कि बोकारो से ऑक्सीजन लोड करने के लिए लखनऊ से ऑक्सीजन बोकारो भेजी जा रही है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस से उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। रेल मंत्री ने यह भी बताया है कि मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए वहां भी यह ट्रेन चलाई जाएगी। कुछ ही समय में इन ट्रेनों का संचलन शुरू किया जाएगा।
यूपी में ऑक्सीजन की मांग बढ़ी, मरीज और तीमारदार परेशान
उधर, उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते ऑक्सीजन की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में यूपी में 33,214 नए मामले सामने आए जबकि 187 लोगों की मौत हो गई। सबसे खराब स्थिति लखनऊ में देखने को मिल रही है। वहां पिछले 24 घंटे में 5902 नए कोरोना मरीज मिले हैं।
सीएम योगी ने निगरानी का दिया आदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी तथा कानपुर नगर में कोविड बेड की संख्या को बढ़ाने की कार्यवाही को निरन्तर जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ऑक्सीजन, रेमडेसिविर सहित सभी जीवन रक्षक दवाओं की सुचारु आपूर्ति के प्रयास प्रभावी ढंग से जारी रखे जाएं। उन्होंने कोविड प्रबन्धन की कार्यवाही को हर स्तर पर बेहतर किए जाने पर बल दिया है।
विशेष परिस्थितियों में ही मिलेगी ऑक्सीजन
कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ही ऑक्सीजन की मांग में आए जबरदस्त इजाफे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विशेष परिस्थितियों को छोड़कर किसी को व्यक्तिगत तौर पर आक्सीजन की सप्लाई न की जाए। अति गंभीर परिस्थिति को छोड़कर किसी को व्यक्तिगत रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति न की जाए। केवल संस्थागत आपूर्ति ही होगी। मुख्यमंत्री ने ये निर्देश टीम 11 की बैठक में वर्चुअली भाग लेते हुए दिए।
ऑक्सीजन ऑडिट होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से आवंटित ऑक्सीजन को यथाशीघ्र प्रदेश में उपलब्ध कराया जाए। ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहे इस हेतु सभी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन का ऑडिट कराया जाना चाहिए। ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कठोरतम कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा, सभी ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए। ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ा जाए तथा प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। टैंकर/सिलिंडर का कोई अभाव नहीं है। प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप होना चाहिए।