योगी सरकार ठेला, खोमचा, पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, पंजीकृत श्रमिकों के अलावा प्रवासी श्रमिकों को भी एक हजार रुपये भरण पोषण भत्ता देगी। सरकार ने मंगलवार को इसका शासनादेश भी जारी कर दिया।
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि फिलहाल यह भत्ता एक माह के लिए दिया जाएगा। प्रवासी श्रमिकों, कामगारों व मजदूरों को कोरोना की पहली लहर की तरह 1000 रुपये प्रति परिवार डीबीटी के माध्यम से बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर किया जाएगा।
महामारी की दूसरी लहर में ट्रेनों, बसों व अन्य साधनों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों, कामगारों व मजदूरों का डाटा राहत आयुक्त की वेबसाइट पर फीड करने की कार्यवाही की जा रही है। पंजीकृत श्रमिकों को लेबर सेस फंड से श्रम विभाग द्वारा और अन्य को स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड से भुगतान होगा।
15 दिन में कार्यवाही पूरी करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने 15 दिन में सभी पात्र व्यक्तियों का चिह्नीकरण, डाटा संकलन व वेबसाइट पर फीडिंग करने का निर्देश दिया है, ताकि समय से उनके बैंक खातों में धनराशि कोषागार से ई-कुबेर के माध्यम से भेजा जा सके। जिन लाभार्थियों का बैंक खाता नहीं है, उनका बैंक खाता खुलवाया जाए और खाता नंबर राहत आयुक्त की वेबसाइट पर फीड कराया जाए।
डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी पात्रों को करेगी चिह्नित
कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण जिन पंजीकृत श्रमिकों, अन्य श्रमिकों, सभी पटरी, रेहड़ी दुकानदारों, रिक्शा व ई रिक्शा चालकों, धोबी व हलवाई आदि रोज कमाकर खाने वालों को 1000 रुपये भरण-पोषण भत्ता देने के लिए पात्रों का चयन डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। पात्र व्यक्तियों के चिन्हीकरण, डाटा संकलन व राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर डेटा फीडिंग के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी बनाई गई है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (राहत प्रभारी), मुख्य कोषाधिकारी/वरिष्ठ कोषाधिकारी, नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी को शामिल किया गया है।
शासन ने नगर क्षेत्र में श्रमिकों के चिन्हीकरण, डाटा संकलन व संकलित डाटा राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर फीड कराने के लिए नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी को तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत राज अधिकारी को नोडल अधिकारी नामित किया है। राजस्व विभाग प्रवासी श्रमिकों, कामगारों व मजदूरों के साथ नाविकों के डाटा संकलन का काम करेगा। यही राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट पर डाटा फीड कराएगा।
इसके लिए अपर जिलाधिकारी (राहत इंचार्ज) नोडल अधिकारी होंगे। सभी नोडल अधिकारी यह प्रमाण पत्र देंगे की डेटा का सत्यापन उनके द्वारा कर लिया गया है इसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है एवं पात्र व्यक्तियों को ही सूची में सम्मिलित किया गया है। यह प्रमाण पत्र जिलाधिकारी के माध्यम से राहत आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा।
जीएसटी के दायरे में न आने वाले हलवाई ही पात्र
शासन ने स्पष्ट किया है कि हलवाई की पात्रता का चयन अत्यंत सावधानी पूर्वक किया जाएगा। जीएसटी की परिधि में न आने वाले हलवाई ही पात्र होंगे। धोबी श्रेणी में ड्राई क्लीनर दुकानदार पात्रता की श्रेणी में शामिल नहीं होंगे। परंपरागत रूप से काम करने वाले धोबी, जो अपनी रोजी-रोटी के लिए दैनिक कार्य करते हैं, वही इसके पात्र होंगे।
बचे लोगों को भी मिलेगी सहायता
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि ऐसे व्यक्ति बच सकते हैं जिनके पास अपने परिवार के भरण-पोषण की सुविधा नहीं है। इस संबंध में शहरी क्षेत्रों में नगर मजिस्ट्रेट/ उप जिलाधिकारी तथा संबंधित निकाय के नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी की समिति अपनी संस्तुति उपलब्ध कराएगी। गग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित खंड विकास अधिकारी व संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी की समिति ऐसे व्यक्तियों की परिस्थितियों की जांच कर सहायता के लिए अपनी से संस्तुति ग्राम विकास विभाग के आदेश के अनुसार जिलाधिकारी को उपलब्ध कराएगी।