उत्तर प्रदेश में एक साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराना प्रशासन के समक्ष बड़ी चुनौती है। कोविड 19 के संक्रमण और कर्मचारियों की उपलब्धता बनाने रखने के लिए चिह्नित जिला प्रशासन और कर्मचारियों को जुटाने में लगा है। शनिवार को बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रशासन की मांग पर ऐसे शिक्षकों का विवरण उपलब्ध कराया जो अंतरजनपदीय स्थानांतरण में गोरखपुर ज्वाइन किए हैं।
इसके अलावा उन शिक्षकों का भी विवरण उपलब्ध कराया जिन्होंने अक्तूबर के बाद जिले में नौकरी ग्रहण की। फिलहाल ऐसे 2000 शिक्षकों की सूची प्रशासन को उपलब्ध हो गई है जिन्हें 13 अप्रैल को योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ये कर्मचारी रिजर्व के रूप में ब्लाकों पर भेजे जाएंगे। सीडीओ इंद्रजीत सिंह ने सभी बीएसएस को इसके लिए निर्देशित किया था। असल में निर्वाचन के लिए कार्मिकों की फीडिंग अक्तूबर में की गई थी। उसके बाद दूसरे जिलों के बड़ी संख्या में शिक्षक स्थानांतरित होकर आए। कुछ जिले से दूसरे जिलों में भी गए। इन शिक्षकों की डाटा फीडिंग नहीं हुई है। जिससे उनकी ड्यूटी भी नहीं लगी है। ऐसे में यह शिक्षक भी इत्मीनान से थे कि उनकी ड्यूटी नहीं लगी। लेकिन निर्वाचन आयोग को काफी संख्या में मतदान कर्मियों की जरूरत है। जिसका संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन ने स्थानांतरित होकर आए सभी शिक्षकों एवं नवनियुक्त शिक्षकों की ड्यूटी लगानी शुरू कर दी है। यही नहीं, एकीकृत कोविड कंट्रोल रूम में कार्यरत 32 कर्मियों में से 26 कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव के लिए लगायी गई है। 14 से 16 अप्रैल तक ये कर्मचारी कंट्रोल रूम में ड्यूटी पर नहीं रहेंगे।
बचे कर्मचारी गैर जनपद जाएंगे: डीएम
जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने चेताया है कि जिलों में एक साथ चुनाव होने के कारण गोरखपुर से देवरिया, महराजगंज व कुशीनगर को भी कार्मिक भेजे जाएंगे। ऐसे कर्मचारी जो गोरखपुर में ड्यूटी करेंगे, उनकी ड्यूटी दूसरे जनपद में नहीं लगाई जाएगी। ड्यूटी से अवशेष कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से दूसरे जिलों में जाना पड़ेगा।