यूपी में इस समय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर हैं। प्रदेश में 58 हजार से भी ज्यादा ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को खत्म हो चुका है, यहां के ग्राम प्रधान अब ‘भूतपूर्व प्रधान जी’ हो चुके हैं लेकिन प्रदेश के गौतमबुद्धनगर (नोएडा) केे 88 ग्राम पंचायत और गाेंडा जिले की दस ग्राम पंचायत का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है। दरअसल इन ग्राम पंचायतों में मई 2016 में चुनाव हुए थे जबकि बाकी जगहों पर दिसंबर 2015 में। ऐसे में अब वहां की ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 14 जून 2021 को समाप्त होगा।
पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 25 दिसंबर की आधी रात के बाद प्रधानों से डोंगल वापस लेकर ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) अनरजिस्टर्ड कर दिए गए। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान अभी तक 15वें वित्त आयोग व पंचम राज्य वित्त आयोग से आवंटित हो रही राशि का उपभोग पब्लिक फाइनेंस मैनेंजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) व ई-ग्राम स्वराज के माध्यम से कर रहे थे। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत की प्रथम बैठक से कार्यकाल निर्धारित किया जाता है। पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर चुनाव न हो पाने की स्थिति में प्रशासक नियुक्त किए जाते हैं, जिनकी नियुक्ति नई ग्राम पंचायत के गठन या छह माह के लिए होगी।
ग्राम निधि के खातों पर रोक
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की राशि के लिए संचालित ग्राम निधि-6 के खातों पर रोक लगा दी गई है। इन खातों के संचालन के लिए ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव को अधिकृत किया गया था। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की निदेशक किंजल सिंह ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि 25 दिसंबर के बाद ग्राम प्रधानों द्वारा चेक या डिजिटल सिग्नेचर से कोई भुगतान न किया जाए। बैंकों को जानकारी दी जाए कि ग्राम प्रधान एवं सचिव के हस्ताक्षर से पूर्व की तिथि का कोई चेक स्वीकार नहीं किया जाएगा और न ही आहरण किया जाएगा। ग्राम निधि-6 के खाते का संचालन नामित प्रशासक द्वारा किया जाएगा। इसके संबंध में अलग से आदेश जारी किए जाएंगे।