यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आरक्षण जारी होने के बाद सियासी खलबली मची हुई है। गांव देहात के सियासी समीकरण भी एक दम से बदल गए हैं। पहले से चुनाव की तैयारियों में जुटे कुछ संभावित प्रत्याशियों को आरक्षण बदलने से झटका लगा है तो कुछ ने राहत की सांस ली है। उधर, आरक्षण पर बड़ी संख्या में आपत्तियां भी पहुंच रही हैं।
सहारनपुर जिला प्रशासन ने पंचायत चुनाव का आरक्षण जारी कर दिया। जैसे ही आरक्षण की सूची जारी हुई तो सियासी खलबली मच गई। सबसे अधिक बदलाव ग्राम प्रधान के आरक्षण को लेकर मची है। जिन गांव को पहले आरक्षित रखा गया था उन्हें अब अनारक्षित कर दिया गया। जिससे कई संभावित चुनाव प्रत्याशियों की तैयारियों को झटका लगा है। इसके साथ ही अब गांव की राजनीति के समीकरण भी बदल गए हैं। अब नए सिरे से संभावित प्रत्याशी चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। वहीं आरक्षण बदलने पर पहले के दावेदार अपने अपने करीबियों को चुनावी मैदान में उतारने की कवायद में जुटे हैं।
दावतों पर लगा ब्रेक
यूपी में पंचायत चुनाव का आरक्षण जारी होने से अब दावतों पर भी ब्रेक लग गया है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से संभावित प्रत्याशियों ने अब हाथ खींचने शुरू कर दिए हैं। सभी की नजर अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी लगी हैं।
आपत्तियां पहुंची
प्रशासन ने शनिवार को आरक्षण जारी करने के बाद रविवार से ही आपत्तियां मांगी थी। बड़ी संख्या में आपत्तियां पहुंच रही हैं। रविवार को ही 100 से अधिक आपत्ति प्रशासन को मिली। जिसमें अधिकतर आपत्तियां ग्राम प्रधान पद के लिए आई हैं।