प्रदेश में जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष के चुनाव 15 जून के बाद कराए जाएंगे। 10 जुलाई तक दोनों चुनाव संपन्न कराने की तैयारी है। सरकार ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए 15 जून से 10 जुलाई के बीच इन दोनों चुनाव को कराने की योजना बनाई है। वहीं राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी एसके सिंह ने बताया कि यदि कोरोना कर्फ्यू 31 मई के बाद आगे नहीं बढ़ाया गया तो चुनाव प्रक्रिया जून के दूसरे सप्ताह से भी शुरू की जा सकती है।
जल्द चुनाव के पक्ष में राजनीतिक दल
प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा सहित विपक्षी दलों को अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू करनी है। इस चुनाव में क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत अध्यक्षों की बड़ी भूमिका होगी। लिहाजा सभी दल इनके चुनाव जल्द कराने के पक्ष में हैं।
50 जिला पंचायतों में अपना बोर्ड बनाने की तैयारी में भाजपा
जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद भाजपा ने प्रदेश की 50 जिला पंचायतों में अपना बोर्ड बनाने की रणनीति बनाई है। पार्टी के पदाधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष के दावेदार, प्रदेश सरकार के मंत्री अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के साथ प्रभार वाले जिलों में निर्दलीय सदस्यों से संपर्क कर उन्हें भाजपा में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं। पार्टी जहां आवश्यकता होगी वहां पर प्रभावशाली निर्दलीय को भी जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए अपना उम्मीदवार घोषित करेगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को उम्मीद है कि 50 जिलों में भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हो जाएंगे।