समाजवादी पार्टी का पारिवारिक घमासान एक ऐसे दौर में पहुंच गया है, जहां सुलह की गुंजाइश न के बराबर है। इस बीच सपा के राज्यसभा सदस्य और विवाद की सबसे बड़ी वजह माने जा रहे अमर सिंह ने अखिलेश यादव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
समाजवादी पार्टी का पारिवारिक घमासान एक ऐसे दौर में पहुंच गया है, जहां सुलह की गुंजाइश न के बराबर है। इस बीच सपा के राज्यसभा सदस्य और विवाद की सबसे बड़ी वजह माने जा रहे अमर सिंह ने अखिलेश यादव पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमर सिंह ने कहा, “मुझ पर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।” अमर सिंह ने यादव परिवार में मचे घमासान में अपना पक्ष रखते हुए कहा, “अखिलेश यादव की जिंदगी में मेरा योगदान हर किसी को पता है और यह सार्वजनिक है।”
‘अखिलेश को मेरा आशीर्वाद’
चाचा शिवपाल से अखिलेश की तल्खियों पर अमर सिंह ने बयान देते हुए कहा, “जिनके घर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पले-बढ़े, उन्हीं चाचा (शिवपाल यादव) के आज वो विरोधी हो गए।”
अमर सिंह ने अखिलेश से किसी तरह का विवाद होने से इनकार करते हुए कहा, “अखिलेश यादव जी को मेरा आशीर्वाद जारी रहेगा और मैं उन्हें भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं उनकी तरक्की के खिलाफ नहीं हूं।”
अमर सिंह पर पलटवार
वहीं अखिलेश यादव खेमे की तरफ से कहा जा रहा है कि अगर अमर सिंह लखनऊ नहीं आते तो समाजवादी परिवार में सुलह हो जाती। सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, “अगर अमर सिंह कल लखनऊ नहीं आते तो बात सुलझ जाती, लेकिन अब वो आ गए हैं तो सुलह मुश्किल है।” नरेश अग्रवाल ने अमर सिंह पर पलटवार करते हुए कहा, “जब हम राजनीति में आए थे तो कुछ लोग राजनीति का कच्छा पहने घूम रहे थे।”
दरअसल सुबह खबर आई कि दोपहर बाद तीन बजे मुलायम सिंह यादव मीडिया से बातचीत करके विवाद सुलझने का एलान करने वाले हैं। यह भी सूत्रों से पता चला कि अमर सिंह इस्तीफा देने के लिए तैयार हो गए हैं। इसके अलावा शिवपाल यादव भी प्रदेश अध्यक्ष का पद और जसवंतनगर सीट छोड़ने को राजी हैं। हालांकि बाद में मुलायम की मीडिया ब्रीफिंग स्थगित होने की सूचना दी गई।
रामगोपाल को भरोसा साइकिल उन्हें मिलेगी
इससे पहले गुरुवार देर रात तक लखनऊ में सुलह के लिए बैठकों का दौर चलता रहा। मुलायम सिंह यादव के पांच विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर इस बैठक में मुलायम सिंह, अखिलेश यादव, अमर सिंह और शिवपाल यादव मौजूद थे।
शुक्रवार सुबह शिवपाल यादव एक बार फिर अखिलेश से मिलने उनके आवास पर गए। इसके बाद शिवपाल मुलायम सिंह से भी मिले। वहीं अमर सिंह,बेनी प्रसाद वर्मा और आजम खान भी मुलायम सिंह के घर पहुंचे।
सुबह से सुलह के फॉर्मूले पर दोनों खेमे में सहमति बनाने की कवायद चल रही थी। लेकिन मामला सुलझता नहीं नजर आया। दिल्ली में अखिलेश गुट के समर्थक रामगोपाल यादव ने कहा, “229 विधायकों में से 212 ने हलफनामे पर दस्तखत कर दिए हैं। इसके अलावा 68 में से 56 एमएलसी ने एफि़डेविट पर अपना दस्तखत किया है।”
इसके साथ ही रामगोपाल ने कहा कि पांच हजार डेलीगेट्स के एफिडेविट चुनाव आयोग में शनिवार को जमा किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ही असली समाजवादी पार्टी है। हमें जल्द ही साइकिल सिंबल मिल जाना चाहिए।” चुनाव आयोग ने मुलायम और अखिलेश खेमों को 9 जनवरी तक अपने समर्थक विधायकों और कार्यकारिणी सदस्यों का हलफनामा सौंपने को कहा है।