गर्मी बढ़ने के साथ ही प्रदेश में बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है। प्रदेश में बिजली की मांग 25000 मेगावाट के आसपास पहुंच गई है। बुधवार को प्रदेश में अब तक की सर्वाधिक 24926 मेगावाट बिजली आपूर्ति की गई। खास बात यह है कि बिजली की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से आपूर्ति नहीं हो पा रही है। ओवरलोडिंग और ट्रिपिंग आपूर्ति में बड़ी बाधा बन रही है।
पिछले तीन-चार दिनों से एकाएक पारा चढ़ने से बिजली मांग भी काफी बढ़ गई है। औसत मांग 23000 मेगावाट के आसपास है जबकि पीक ऑवर्स में यह बढ़कर 25000 मेगावाट के आसपास पहुंच रही है। आपूर्ति पटरी पर रखने के लिए राज्य के ताप बिजलीघरों के साथ-साथ निजी परियोजनाओं से उपलब्ध बिजली के अलावा 3000 मेगावाट से ज्यादा बिजली एनर्जी एक्सचेंज से ली जा रही है।
बुधवार को अब तक की सर्वाधिक 24926 मेगावाट की मांग पूरी किए जाने पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इसका श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों पर योगी आदित्यनाथ की सरकार के सफल क्रियान्वयन व ऊर्जा परिवार के सभी कार्मिकों की मेहनत को जाता है।
बिजली व्यवस्था सामान्य रखने के लिए अतिरिक्त बिजली का इंतजाम तकनीकी खामियों की वजह से बहुत असरदार साबित नहीं हो पा रहा है। राजधानी समेत पूरे प्रदेश में वितरण और ट्रांसमिशन प्रणाली के ओवरलोड होने की वजह से ट्रिपिंग की समस्या उपभोक्ताओं के लिए सिरदर्द बनी हुई है। राजधानी के बहुत से इलाकों में दिन-रात बिजली की आंख-मिचौनी का सिलसिला जारी है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि सरकार के रिकार्ड आपूर्ति के दावे के बावजूद उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति नहीं हो पा रही है। परिषद के अध्यक्ष अवधेेश कुमार वर्मा का कहना है कि शहरों में एरियल बंच कंडक्टर (एबीसी) में फाल्ट आ रहा है। इसकी वजह उनकी क्षमता कम होना या गुणवत्तायुक्त न होना है। ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। यही वजह है कि रात में पूरे प्रदेश में ट्रिपिंग बहुत बढ़ गई है। उपभोक्ताओं की संख्या और उनके द्वारा लिए गए भार के अनुपात में सिस्टम को अपग्रेट न किया जाना भी एक वजह है। गर्मी के पहले लोड बैलेसिंग पर ध्यान न दिया जाना भी समस्या पैदा कर रहा है।