यहाँ नाचते लड़कों को हाथ दिखाकर पति चुनती हैं यहां की लड़कियां

चाड में इन दिनों वुडाबी कबीले में सप्ताह भर चलने वाला समारोह चल रहा है। पुरुष जीवनसाथ की तलाश में इस समारोह में शामिल होते हैं। इस दौरान उनका पूरा जोर सुंदर मेकअप और कपड़ों पर होता है। इस दौरान याके नाम का पारंपरिक नृत्य करते हैं।
omg_1488174804यह अफ्रीका की एक अकेली ऐसी संस्कृति है, जो अपनी लड़कियों को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार देती है। यहां तक कि शादीशुदा महिलाएं भी सेक्स के लिए किसी और पुरुष को चुन सकती हैं। वुडाबी सदियों पहले अफ्रीका के इस हिस्से से पलायन करने वाले फुलानी और तुर्गे संस्कृति का एक सब ग्रुप है।

इस तस्वीर में शेल के रेगिस्तान में सोया एक वुडाबी पुरुष सोकर उठा है। गदहे ही उनकी संपत्ति हैं, जो उनके पास नजर आ रहे हैं।
विडाबी लोग आमतौर पर दूध, दही के साथ मोटा अनाज, मीठी चाय और कभी-कभी बकरे या भेड़ का गोश्त खाते हैं। सूर्योदय के साथ ही वुडाबी पुरुष समारोह में शामिल होने के लिए तैयार होना शुरू कर देते हैं। वो चिकनी मिट्टी, पत्थर और जानवरों की हड्डियों को मिलाकर बनाए गए पेस्ट से अपने चेहरे का मेकअप करते हैं। वहीं कुछ पुरुषों का कहना है कि वो अपने सफेद दातों को अच्छे तरीके से दिखाने के लिए होठों को बैटरी से निकली कालिख से रंग लेते हैं।

समारोह में शामिल होने वाले पुरुष अपने माथे को चौड़ा दिखाने के लिए अपने बालों को साफ कर लेते हैं। नृत्य के दौरान अपने आंखों को नचाना और साफ दातों का प्रदर्शन महिलाओं को रिझाने का तरीका माना जाता है।
सूर्य की गरमी से बचने का प्रयास करता एक परिवार। लकड़ी का एक बेड और कुछ सामान ही इस परिवार की कुल संपत्ति है। पूरा परिवार एक साथ ही सोता है।

सुबह अपने लिए चाय तैयार करता एक व्यक्ति। चाय पीना इस संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। गेरेवुल के दौरान पुरुष एक पेड़ की छाल से तैयार एक खास तरह की चाय पीते हैं। माना जाता है कि इसका प्रभाव मायावी है और इसके प्रभाव में आकर वो घंटों तक नृत्य कर सकते हैं।

गेरेवुल की तैयारियां सामुदायिक स्तर पर की जाती है। हर व्यक्ति पुरुषों को सुंदर तरीके से पेश करने में मदद करता है। इस समारोह में शामिल होने के लिए पुरुष घंटों तैयारी करते हैं। वुडाबी को दुनिया की सबसे अहंकारी जनजाति माना जाता है।
माना जाता है कि कुछ खास तरह के मेकअप में जादुई शक्तियां होती हैं। नारंगी रंग का पाउडर नाइजर के जांगोरिया के पास की एक पहाड़ी के पास पाया जाता है। कुछ कबीले इसकी आपूर्ति बनाए रखने के लिए 1400 किमी तक की यात्रा करते हैं।

 गेरेवुल का आयोजन साल में एक बार किया जाता है। ऐसे में जीवनसाथी पानी का दवाब और उम्मीदें बहुत अधिक होती हैं। समारोह में जाने से ठीक पहले अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देते वुडाबी पुरुष। वुडाबी महिलाएं पुरुषों की तुलना में बहुत कम मेकअप करती हैं। लेकिन वो भी अपने रूप-रंग पर खासा जोर देती हैं। बालों को सजाने और चोटी बनाने पर उनका खास जोर होता है। इस लड़की के चेहरे पर बना टैटू को उसके बचपन में ही ख़रोच कर बना दिया गया था। यह उसके कबीले से संबद्ध होने का प्रतीक भी है।

नृत्य के दौरान एक पुरुष अपने दांत दिखाते हुए। इन लोगों की टोपियों में शतरमुर्ग के पंख लगे हुए हैं, जिसके जरिए लंबाई पर जोर दिया जाता है। वुडाबी पुरुष एक लाइन में खड़ा होकर नृत्य करते हैं।

गेरेवुल का आयोजन साल में एक बार किया जाता है। ऐसे में जीवनसाथी पानी का दवाब और उम्मीदें बहुत अधिक होती हैं। समारोह में जाने से ठीक पहले अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देते वुडाबी पुरुष। वुडाबी महिलाएं पुरुषों की तुलना में बहुत कम मेकअप करती हैं। लेकिन वो भी अपने रूप-रंग पर खासा जोर देती हैं। बालों को सजाने और चोटी बनाने पर उनका खास जोर होता है। इस लड़की के चेहरे पर बना टैटू को उसके बचपन में ही ख़रोच कर बना दिया गया था। यह उसके कबीले से संबद्ध होने का प्रतीक भी है।
नृत्य के दौरान एक पुरुष अपने दांत दिखाते हुए। इन लोगों की टोपियों में शतरमुर्ग के पंख लगे हुए हैं, जिसके जरिए लंबाई पर जोर दिया जाता है। वुडाबी पुरुष एक लाइन में खड़ा होकर नृत्य करते हैं।

 

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com