मैथिली के मूर्धन्य साहित्यकार पंडित चंद्रनाथ मिश्र अमर का निधन गुरुवार की देर शाम बिहार के दरभंगा में मिश्रटोला स्थित उनके निवास पर हो गया। वे 96 वर्ष के थे। पं. अमर मूल रूप से मधुबनी जिले के खोजपुर गांव के रहने वाले थे। वे साहित्य अकादमी व साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार सहित दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके थे।
पं. अमर दरभंगा के एमएल एकेडमी हाईस्कूल में शिक्षक के पद से वर्ष 1981 में सेवानिवृत्त हुए थे। वर्ष 1983 में उन्हें साहित्य अकादमी व 1998 में साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे साहित्य अकादमी के फेलो भी थे। मैथिली फिल्म ‘कन्यादान’ में उन्होंने अभिनय भी किया था।
पं. अमर की रचनाओं में कविता संग्रह ‘गुदगुदी, ‘युग चक्र’, उपन्यासों में ‘वीर कन्या’, ‘विदागिरी’, निबंध समीक्षा में ‘मैथिली आंदोलन एक सर्वेक्षण’, विविध में ‘त्रिफला’, अनुवाद में ‘विद्यापति नीति तरंगिनी’ आदि हैं। मैथिली साहित्य के स्तंभ रहे डॉ. रामदेव झा पं. चंद्रनाथ मिश्र अमर के दामाद थे। बाल साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित डॉ. अमलेंदु शेखर पाठक ने बताया कि पं. अमर के पिता पं. मुक्तिनाथ मिश्र थे। उनकी पत्नी हीरा देवी का निधन पूर्व में ही हो चुका है। पं. अमर को एक पुत्र व दो पुत्रियां थीं। पुत्र स्टेट बैंक में कार्यरत हैं तथा दोनों पुत्रियां दिवंगत हो चुकी हैं।