उत्तर प्रदेश के मेरठ की डेढ़ वर्षीय बच्ची ईशानी को दुनिया की दुर्लभ बीमारियों में से एक स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी (SMA) टाइप-2 की पुष्टि हुई है। उसको जो टीका लगना है, उसकी कीमत 22 करोड़ रुपए बताई गई है। मध्यम वर्गीय परिवार को आर्थिक मदद की दरकार है। ईशानी के इलाज के लिए सोशल मीडिया पर कैम्पेन शुरू हो गयी है।
ईशानी मेरठ में ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र स्थित मास्टर कॉलोनी की रहने वाली है। उसके पिता अभिनव वर्मा दिल्ली की लॉजिस्टिक कंपनी में 25 हजार रुपए की नौकरी करते हैं। मां नीलम गृहणी है। अभिनव के अनुसार, बच्ची की उम्र जब 10 माह की थी, तब उसके पैरों ने काम करना बंद कर दिया। नजदीकी डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने कैल्शियम की दवाइयां दे दी। कुछ दिन बाद हाथों ने काम करना बंद कर दिया। दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में दिसंबर-2020 में ईशानी को दिखाया। उसको न्यूरो प्रॉब्लम बताई गई।
26 दिसंबर को गंगाराम हॉस्पिटल में ब्लड सैम्पल लिया गया। 12 जनवरी 2021 को जांच रिपोर्ट आई। इसमें स्पाइनल मस्क्युलर अट्रॉफी (SMA) टाइप-2 की पुष्टि हुई है। अभिनव के अनुसार, टीके की कीमत 16 करोड़ रुपये है। 6 करोड़ रुपए टैक्स लगेगा। इस प्रकार टीका 22 करोड़ रुपए है, जो दुनिया के सबसे महंगे टीकों में एक है। अभिनव ने बताया, वह मामूली जॉब करते हैं। पिता की इन्वर्टर ठीक करने की दुकान है। वह इतना पैसा नहीं जुटा सकते, जिससे बेटी का इलाज करा सकें। उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों से आर्थिक मदद की भावुक अपील की है।