अगर आपको लगता है कि शराब पीने से आप अपना गम कम कर रहे हैं और इसके जरिए आप बुरी यादों को दिमाग से निकाल रहे हैं, तो जरा फिर से सोच लीजिए।
एक नए शोध में दावा किया गया है कि शराब पीने से बुरी यादें दिमाग से नहीं मिटती हैं, बल्कि वे स्थाई रूप से बस जाती हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि शराब न सिर्फ आपको बुरी यादों को भूलने से रोकता है, बल्कि वह दिमाग के फियर रिस्पॉन्स सेंटर को जोड़ने वाली नर्व सेल्स को ताकत देकर इन्हें और मजबूत करता है।
बुरी यादों को भुलाने के लिए थोड़े समय के लिए ड्रग थेरैपी के जरिये सेल्फ मेडिकेशन और बिहेवियरल थेरैपी ही सबसे अच्छा रास्ता है। जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर नॉर्मन हॉगी ने चेतावनी दी कि जितना ही आप बुरी यादों को भुलाने के लिए शराब के साथ बैठे रहते हैं, आप उन्हें उतना ही मजबूत करते हैं।
दरअसल, एल्कोहल दिमाग की केमिस्ट्री को बदल देता है, जिसके कारण यादों को भुलाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर से गुजरने वाले लोग अक्सर तनाव या डर का अनुभव करते हैं, जबकि वे खतरे में नहीं होते हैं।
इससे बाहर आने का अर्थ यह नहीं है कि पिछले आघात को भूल जाया जाए। मगर, यह सीखना है कि बुरे आघात का असर शारीरिक और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं में नहीं पड़े। हालांकि, लोगों के बीच गम भुलाने का सबसे आसान तरीका है, क्योंकि यह लोगों की अवेयरनेस को कम कर देता है।