समाजवादी सरकार पूर्वी उत्तर प्रदेश के दस जिलों से होकर राजधानी से जुडऩे वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के जरिए सत्ता में वापसी की राह बना रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार को इसकी आधारशिला रखेंगे। इसके साथ ही वाराणसी के वरुणा रिवर फ्रंट का लोकार्पण भी होगा। सभी आयोजन मुख्यमंत्री के नये कार्यालय लोकभवन से संपन्न होंगे। मुख्यमंत्री अन्य विभागों से जुड़ी परियोजनाओं का भी शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।
सुखोई-मिराज को अपनी छाती पर उतारने की क्षमता वाले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे का सिरा बलिया से जोडऩे की बुनियाद रखी जाएगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 19437.73 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। करीब 353 किमी लंबी इस सड़क के लिए आवश्यक जमीन का 40 फीसद हिस्सा खरीदा जा चुका है। बचे हुए हिस्से के लिए जमीन खरीद का कार्य चल रहा है। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक गाजीपुर-बलिया मार्ग पर गाजीपुर जिले में स्थित हैदरिया के पास इसका समापन होगा। इस एक्सप्रेस-वे के जरिए गाजीपुर की दूरी केवल चार घंटे में तय की जा सकेगी। यह सड़क भी लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस की गुणवत्ता के अनुरूप होगी। मार्ग के किनारे मंडी, बाजार विकसित होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बलिया से दिल्ली तक पहुंचने की राह आसान हो जाएगी।
ध्यान रहे, एक्सप्रेस-वे परियोजना के स्वामित्व व क्रियान्वयन के लिए उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) को नोडल एजेंसी नामित किया जा चुका है। मेसर्स आइआइडीसी लिमिटेड को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है। निर्माण कार्य इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) पद्धति से कराया जाना है। यह सड़क समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ से भी गुजरेगी। मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव ने कहा कि वह मानते हैं कि जितनी रफ्तार बढ़ेगी, उतनी तेजी से अर्थ व्यवस्था का विकास का होगा। एक्सप्रेसवे के किनारे मंडिया बनने से किसान अपनी उपज वहां बेच सकेगा, बिचौलिये से उसे मुक्ति मिल जाएगी।