मीरा के कॉलेजमेट ने लिखा, ‘डियर मीरा तुम्हारा इंटरव्यू देखा। तुम्हारे विचार सुनकर बहुत बुरा लगा। हमने तीन साल एक ही कॉलेज और क्लास में बिताए हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि तुम्हारा ये फेमिनिज्म का बयान सिर्फ एक दिखावा है।’ इस क्लासमेट ने मीरा की सोच को बहुत छोटा बताया।
Dear Mira,
Having watched your interview, I feel extremely enraged today. I’ve spent three years in the same college and batch as you. I can say today with confidence that your idea of feminism is extremely flawed. Seeing you walk around with your posse in college, belittling women who were not skinny enough or did not subscribe to your fashion ‘standards’ makes me wonder what you ever did to have a moral high ground over anyone at any point. Your narrow world view is astounding, to say the least. And not to forget, how your statement about working mothers takes us years back in reaching actual empowerment of which you seem to know nothing.
With lots of aggression,
An informed feminist
बता दें कि मीरा एक कार्यक्रम में कहा था, ‘मुझे घर में रहना पसंद है। मुझे अपने बच्चे के साथ होना पसंद है। मैं काम के लिए अपने बच्चे के बिना एक घंटा नहीं बिता सकती। मैं उसके साथ ऐसा क्यों करूं? वह पिल्ला नहीं है। मैं मां की तरह उसके साथ रहना चाहती हूं।’ मीरा ने नारीवाद की नई लहर को काफी आक्रामक बताते हुए बच्चों के आगे करियर चुनने वाली महिलाएं का फैसला अपने लिए बेहतर नहीं बताया था।
इसके बाद कई कामकाजी महिलाओं ने मीरा के इस बयान के सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया था। तब मीरा के बचाव में उनके पति शाहिद कपूर उतर आए थे। मीरा का बचाव करते हुए शाहिद ने न्याका फेमिना ब्यूटी अवार्ड्स में कहा था, ‘मुझे नहीं लगता कि सबको खुश रखने की कोशिश करने का कोई मतलब है। मीरा ने केवल अपने मन की बात कही। उनका किसी को चोट पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था।’