केंद्र व प्रदेश सरकार में भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल की एक बड़ी मांग को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मान लिया है। प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज का नाम अपना दल के संस्थापक डा. सोनेलाल पटेल के नाम पर करने की मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ से अपने पिता स्व. डा. सोनेलाल पटेल के नाम से प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज का नामकरण करने की मांग की थी। प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज का नाम डा. सोनेलाल पटेल राज्य चिकित्सा महाविद्यालय किए जाने के फैसले पर अनुप्रिया ने पीएम, केंद्रीय गृहमंत्री तथा मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया है। अनुप्रिया ने 16 जून को पीएम से मुलाकात कर अपनी मांग उनके सामने रखी थी। पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष एमएलसी आशीष पटेल और प्रदेश अध्यक्ष डा.जमुना प्रसाद सरोज ने भी मुख्यमंत्री के इस फैसले पर उन्हें धन्यवाद दिया है।
कुर्मी वोट बैंक को साधने की कोशिश
प्रदेश सरकार के इस फैसले को चुनावी चश्मे से देखा जा रहा है। राजनीतिक हल्के में माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार के इस फैसले से कुर्मी समाज और मजबूती के साथ अद (एस) और भाजपा के साथ लामबंद होगा। यह वर्ग पहले से अद (एस) और भाजपा के साथ है। कुर्मी समाज की एनडीए के पक्ष में मजबूत एकजुटता का लाभ 2022 के चुनाव में भाजपा व सहयोगी दलों के प्रत्याशियों को मिलने की उम्मीद की जा रही है।
मिर्जापुर और गाजीपुर के मेडिकल कॉलेजों के नाम भी तय
प्रदेश में नवनिर्मित नौ मेडिकल कालेजों में से तीन के नाम तय हो गए हैं बाकि बचे 6 के भी शीघ्र नाम तय हो जाने की सम्भावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 जुलाई को प्रदेश के इन नवनिर्मित नौ मेडिकल कालेजों का लोकार्पण कर सकते हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार मीरजापुर के मेडिकल कालेज का नाम मां विंध्यवासिनी के नाम पर रखा गया है। विंध्यवासिनी या योगमाया मां दुर्गा के एक परोपकारी स्वरूप का नाम है। इनका मंदिर गंगा नदी के किनारे मीरजापुर से आठ किलोमीटर दूर विंध्यांचल में स्थित है। इसी प्रकार से गाजीपुर में नवनिर्मित मेडिकल कालेज महार्षि विश्वामित्र के नाम से जाना जाएगा।
लोकोक्ति है कि प्राचीन काल में महार्षि विश्वामित्र के पिता राज गाधि की राजधानी गाधिपुरी हुआ करती थी। 1330 ईसवीं में गाधिपुर से इसका नाम गाजीपुर कर दिया गया। फिलहाल नए मेडिकल कालेज खुलने से एमबीबीएस की 900 सीटें बढ़ जाएंगी। हर मेडिकल कालेज में सौ-सौ सीटें हैं। इन मेडिकल कालेजों में 450 से अधिक संकाय सदस्यों की भर्ती कर ली गई है। नए शैक्षिक सत्र वर्ष 2021 से ही यहां पढ़ाई व इलाज शुरू होगा।