माले का ऐलान, किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार में कल ट्रैक्टर मार्च

बिहार के ग्रामीण इलाकों में जिला व प्रखंड मुख्यालयों पर पार्टी व अखिल भारतीय किसान महासभा के संयुक्त बैनर तले 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि अरवल, पूर्वी चंपारण के छौड़ादानो, अररिया, मसौढ़ी, पालीगंज, बेगूसराय, बक्सर आदि जगहों पर ट्रैक्टर मार्च की तैयारी चल रही है।

उन्होंने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, बिहार में एपीएमसी एक्ट पुनर्बहाल करने और प्रस्तावित बिजली बिल 2020 की वापसी की मांग पर 30 जनवरी को महागठबंधन के आह्वान पर आहूत मानव शृंखला की तैयारी पूरे जोर शोर से चल रही है। 25 जनवरी को पटना सहित सभी जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस भी निकाला जाएगा। 

लालू को रिहा करने की मांग
माले राज्य सचिव ने कहा है कि गिरते स्वास्थ्य के आधार पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रिहा किया जाना चाहिए। वे कई गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं और उन्होंने अपनी सजा आधी से ज्यादा काट ली है। 

महागठबंधन के मानव शृंखला को ऐतिहासिक बनाने की अपील
किसान आंदोलन के पक्ष में 30 जनवरी को महागठबंधन के मानव शृंखला को सफल बनाने के लिए सीपीएम ने छात्र, युवा, ट्रेड यूनियन, कर्मचारी, लेखक सांस्कृतिक मोर्चा समेत तमाम जनसंगठनों की बैठक रविवार को की। बैठक में सबसे पहले दिल्ली बार्डर पर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार किसान-मजदूर और अन्तत: जन विरोधी भी है। उन्होंने जनता से 30 जनवरी को होने वाली मानव शृंखला को ऐतिहासिक बनाने की अपील की। 

बैठक में सीटू के राज्य महासचिव गणेश शंकर सिंह, अध्यक्ष दीपक भट्टाचार्य, डीवाईएफआई के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, जलेस के महासचिव विनिताभ, घमंडी राम, सांस्कृतिक मोर्चा के राज्य अध्यक्ष अशोक कुमार मिश्र, एसएफआई के नेता कुमार निशांत, खेतिहर मजदूर यूनियन के राज्य अध्यक्ष देवेंद्र चौरसिया  मजदूर नेता बी. प्रसाद, जेपी दीक्षित, शशि कांत राय, मिथिलेश कुमार, संजय चटर्जी, मनोज चौधरी, अर्णव सहित अन्य तमाम जनसंगठनों के पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे। 

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