राजस्थान के कोटा के अस्पताल में बच्चों की मौत के मामले में तीन दिन तक कांग्रेस पर हमला बोलने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया के निशाने पर योगी आदित्यनाथ सरकार है। मायावती ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रर्दशन के दौरान हिंसा होने पर पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्रवाई को भी निंदनीय बताया है।
प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोला है। रविवार को मायावती ने यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया। मायावती ने कहा कि पुलिस ने बिना जांच प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। पुलिस की कार्रवाई शर्मनाक और निंदनीय है। यूपी सरकार तुरंत निर्दोषों को रिहा करे। इस पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
मायावती ने ट्वीट पर आज भी हमला बोला है। मायावती ने कहा कि प्रदेश में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सरकार तत्काल इन सभी को रिहा करने के साथ ही इनसे माफी भी मांगे। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि अब इस पूरे प्रदेश में हुए इस प्रकरण की न्यायिक जांच होना बहुत जरूरी है। इसकी मांग के लिए माननीया गर्वनर को एक लिखित ज्ञापन भी बीएसपी प्रतिनिधिमंडल छह जनवरी को प्रात: 11 बजे राजभवन में देगा।
मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी में सीएए और एनआरसी के विरोध में किए गए प्रदर्शनों में बिना जांच-पड़ताल के ही विशेषकर बिजनौर, सम्भल, मुजफ्फरनगर, मेरठ, फिरोजाबाद व अन्य और जिलों में भी जिन निर्दोषों को जेल भेज दिया है, जिसे मीडिया ने भी उजागर किया है, यह अति-शर्मनाक व निंदनीय है।
यूपी सरकार इनको तुरन्त छोड़े व इसके लिए सरकार को अपनी गलती की माफी भी मांगनी चाहिये। इसके साथ ही, इसमें जिन निर्दोषों की मृत्यु हो गई है, राज्य सरकार को उन परिवारों की न्यायोचित आर्थिक मदद भी जरूर करनी चाहिये। बसपा की यह मांग है।