पहचान के सरकारी दस्तावेजों को पाने की प्रक्रिया आसान बना रही सरकार का ध्यान अब पैन कार्ड पर है। बजट प्रस्तावों में कहा गया है कि इलेक्ट्रानिक पैन कार्ड यानी ई-पैन कार्ड दस मिनट में उपलब्ध कराया जाएगा।
इसके लिए आयकर विभाग एक रियल टाइम पैन प्रोसेसिंग सेंटर बना रहा है। इसमें कोई भी उपभोक्ता आधार आधारित ऑनलाइन केवाईसी के जरिये ई-पैन कार्ड का आवेदन कर सकेगा। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार पैन-टैन प्रोसेसिंग सेंटर तैयार कर रही है, जहां तुरंत या अधिकतम दस मिनट में ई-पैन मिल जाएगा।
ई-पैन कार्ड की ये पांच खूबियां
1. रियल टाइम पैन-टैन प्रोसेसिंग सेंटर आधार के जरिये ही आपकी सारी निजी जानकारियों की पुष्टि कर लेगा। इसमें अधिकतम दस मिनट का वक्त लगेगा।
2. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने दिसंबर 2018 को अधिसूचना जारी कर ऑनलाइन पीडीएफ या क्यूआर कोड आधारित पैन कार्ड को वैध ठहराया था। हालांकि अभी इसमें काफी वक्त लगता है।
3. आयकर विभाग ई-केवाईसी के जरिये ई-पैन जारी करता है। डिजिटल हस्ताक्षारित दस्तावेज के रूप में यह आपके ई-मेल पर आता है। इसे किसी भी जगह पहचान के दस्तावेज के रूप में कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह डिजिटल ई-पैन पूरी तरह मान्य है।
4. ई-पैन की यह सुविधा सिर्फ भारतीय नागरिकों को ही उपलब्ध है, जिनके पास वैध आधार कार्ड है। ध्यान रखें कि पैन और आधार की सारी जानकारियां एक जैसी ही होनी चाहिए।
5. नियमित तौर पर डाक द्वारा जारी किया जाने वाला पैन कार्ड अभी 15-20 दिन में पहुंचता है। सरकार आवंटन केंद्रों और प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर को उन्नत कर इसमें लगने वाले समय को भी कम कर रही है। अगर भौतिक रूप से पैन आवेदन में आधार का इस्तेमाल होगा तो और कम समय लगेगा।