कैश की तंगी और डॉक्टर की जिद ने एक मरीज की जान ले ली। नर्सिंग होम में मरीज तड़पता रहा और घरवाले कैश की खातिर एटीएम का चक्कर लगाते रह गए। तीन घंटे इलाज न मिल पाने की वजह से मरीज की मौत हो गई। मौत के बाद घरवाले भड़क गए और तोड़फोड़ शुरू कर दिए। हंगामे की खबर पाते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और मामले को शांत कराया। घरवालों ने पुलिस को तहरीर दी है। घरवालों का आरोप है कि इंजेक्शन की कीमत 32 हजार रुपये थी और ऑनलाइन देने को तैयार थे मगर अस्पताल प्रबंधन ने नहीं लिया। मामला गांधी गली स्थित गर्ग हास्पिटल का है।
बिहार के गोपालगंज निवासी 57 वर्षीय जितेन्द्र चौबे को दिल का दौरा पड़ा था। घरवाले मंगलवार की दोपहर करीब एक बजे उन्हें लेकर गर्ग हास्पिटल पहुंचे थे। अस्पताल में भर्ती भी कर लिया गया। आरोप है कि अस्पताल में तुरंत 40 हजार रुपये जमा कराने को कहा गया। इस पर घरवाले पांच हजार कैश होने की बात कहते हुए बाकी रकम ऑनलाइन देने की सिफारिश की मगर अस्पताल प्रबंधन तैयार नहीं हुआ। बेबस घरवाले रुपये के इंतजाम के लिए एटीएम का चक्कर लगाने लगे मगर कैश का इंताजम नहीं हो सका और करीब छह बजे लौटे घरवालों से अस्पताल प्रबंधन ने ऑनलाइन पेमेंट स्वीकार करने की बात कही।
घरवालों ने ऑनलाइन भुगतान किया तब मरीज को इंजेक्शन लगाया गया मगर थोड़ी ही देर मौत हो गई। घरवालों का कहना है कि कैश न होने की वजह से इंजेक्शन नहीं लगाया गया और मरीज की मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।