प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 59वीं बार मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने देश भक्ति और सेवा के रंग में रंगे युवाओं में जोश भरते हुए नौजवान पीढ़ी को एनसीसी दिवस की शुभकामनाओं से अपनी मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं भी आप ही की तरह कैडेट रहा हूं और मन से आज भी अपने आपको कैडेट मानता हूं। एनसीसी यानी नेशनल कैडेट कॉर्प्स। दुनिया के सबसे बड़े वर्दी वाले युवा संगठन में एनसीसी एक है। यह एक त्रि-सेवा संगठन है जिसमें सेना, नौ-सेना, वायुसेना तीनों ही शामिल हैं। दुनिया की बड़ी एकरूप युवा संगठनों में से एक भारत की एनसीसी है जिसमें सेना के तीनों अंग- सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल हैं। एनसीसी का मतलब है अपने व्यवहार और अपनी आदतों में कुशल नेतृत्व, देशभक्ति, निःस्वार्थ सेवाभाव, अनुशासन कड़ी मेहनत को शामिल करना।’
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कैंप के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र और विभिन्न राज्यों से दिल्ली आए एनसीसी के नौजवानों ने प्रधानमंत्री मोदी से अपने बेहतरीन अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में सात दिसंबर को आर्म्ड फोर्सिज फ्लैग डे के अवसर पर देशवासियों को वीर सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और समर्पण भाव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके सम्मान और सहभागिता के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर से ही ताकत मिलती है और आत्म विश्वास बढ़ता है जिससे व्यक्तित्व में निखार आता है। सीबीएसई की पहल से दिसंबर माह में स्कूलों में फिट इंडिया सप्ताह मनाना एक सराहनीय कदम है।
पीएम ने कहा कि फिट इंडिया सप्ताह के दौरान विद्यार्थियों के लिए क्विज, निबंध, लेख, चित्रकारी, पारंपरिक और स्थानीय खेल, योगासन, डांस एवं खेलकूद आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकती हैं। फिट इंडिया का मतलब दिमागी कसरत के साथ कड़ा शारीरिक श्रम, खानपान की आदत और जीवन शैली में बदलाव लाना है। पधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए सभी स्कूलों से दिसंबर माह में फिट इंडिया सप्ताह मनाने की अपील करते हुए कहा कि इससे हम सबमें फिटनेस की आदत दिनचर्या में शामिल होगी।
उन्होंने कहा, ‘सभी स्कूलों को फिट इंडिया रैकिंग में शामिल होना चाहिए जिससे कि फिट इंडिया सहज और स्वभाविक रूप से एक जनांदोलन बने और जागरूकता आए। प्रकृति, पर्यावरण, पानी ये सारी चीजें हमारे पर्यटन का भी हिस्सा बनें, जीवन का भी हिस्सा बनें।’ नदी उत्सव की जानकारी साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हर साल देश के अलग-अलग कोने पर 12 नदियों पर आयोजित होने वाले उत्सवों के नाम पुष्करम, पुष्करालू, पुष्करः है। असम में आयोजित नदी उत्सव में आए अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत-सत्कार, स्वच्छता का ख्याल और बायो टॉयलेट आदि की व्यवस्था सराहनीय था।
अयोध्या फैसले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद, अब देश, नई उम्मीदों, आकांक्षाओं के साथ नए रास्ते पर, नए इरादे लेकर चल पड़ा है। न्यू इंडिया, इसी भावना को अपनाकर शांति, एकता और सद्भावना के साथ आगे बढ़े- यही मेरी कामना है। हम सबकी कामना है। देश हित में शांति, एकता और सदभावना के मूल्य सर्वोपरि हैं। माननीय न्यायालय के फैसले को सभी देशवासियों द्वारा सम्मान और सहज, संयम और शांति से स्वीकार करना परिपक्वता का परिचय है।
परीक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कई माध्यमों से हमारी कोशिश है कि परीक्षा के दौरान परीक्षार्थी और अभिभावक तनावमुक्त और शिक्षक आश्वस्त रहें। मोदी ने मध्यप्रदेश की श्वेता का परीक्षा पर चर्चा को शीघ्र आयोजित करने के सुझाव की सराहना की।