दिल्ली सरकार ने पंजाबी बाग स्थित स्वामी शिवानंद मेमोरियल स्कूल (Swami Shivanand Memorial School) के प्रबंधन अपने हाथ में लेने का फैसला किया है। अभिभावकों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि स्कूल बच्चों से मनमानी फीस की वसूली कर रहा है। इसके अलावा स्कूल द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम का भी उल्लंघन किया जा रहा था।
दिल्ली सरकार ने अभिभावकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में एक जांच कमेटी का गठन किया था। जांच के दौरान कमेटी ने छात्रों के अभिभावकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को सही पाया और स्कूल के कामकाज में अनियमितता पाईं।
बयान में कहा गया कि जो कमियां और शिकायतें सही पाई गईं, उन्हें देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 1973 के प्रावधानों के तहत स्कूल प्रबंधन को अपने हाथ में लेने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।
कमेटी की रिपोर्ट के बाद स्कूल प्रबंधन को अपना बचाव करने का मौका दिया गया, लेकिन स्कूल प्रबंधन अपने कामकाज में विसंगतियों के बारे में कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाया। इसके बाद सरकार ने स्कूल के मैनेजमेंट के अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार ने टीचिंग-लर्निंग एक्टिविटीज के लिए सर्कुलर जारी किया
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने सरकारी और सरकार से सहायता प्राप्त स्कूलों में नर्सरी से लेकर 12 वीं कक्षाओं को फिर से खोले जाने तक टीचिंग और लर्निंग एक्टिविटीज के बारे में शनिवार को एक सर्कुलर जारी किया। एक अधिकारिक बयान में कहा गया है कि मौजूदा सत्र के लिए एक्शन प्लान को तीन चरणों में बांटा गया है, जिसमें टीचिंग और लर्निंग प्रक्रिया को आसान बनाना भी शामिल है। पहला चरण 28 जून से शुरू होगा।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने एक बयान में कहा कि महामारी की शुरुआत होने के बाद से छात्रों को पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ है। इस साल हमें न सिर्फ इस नुकसान को घटाने की जरूरत है बल्कि अपने बच्चों को गहरा भावनात्मक समर्थन भी उपलब्घ कराएंगे। उन्हें किसी भी तरह की शिक्षण और सीखने की गतिविधियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी की स्थिति ठीक होने तक स्कूल बंद रहेंगे, ऐसे में ऑनलाइन और सेमी-ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षकों तथा छात्रों के बीच संपर्क फौरन बहाल किया जाएगा।