मध्यमवर्ग खरीद रहा 50 हजार रुपये वाली सस्ती बाइक तो अमीर 50 लाख रुपये से अधिक की कारें

कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने मध्यमवर्ग और कम आय वर्ग के लोगों को डरा दिया है। इसका असर उनके खर्च करने के तरीके पर दिखाई दे रहा है। वे तीसरी लहर की आशंका से बचत पर जो दे रहे हैं। वहीं, अमीर लोगों की वित्तीय सेहत पर कोरोना का असर दिखाई नहीं दे रहा है। वो कोरोना संकट के बीच भी बड़ी संख्या में महंगी गाड़ी खरीद रहे हैं। यह रुझान जनवरी से जून के दौरान गाड़ियों की बिक्री आंकड़े का आकलन करने से मिली है।

महंगी गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी

कोरोना के बावजूद नए वाहनों की मांग तेजी से बढ़ी है। वहीं, करीब 50 हजार रुपये कीमत वाली सस्ती बाइक की बिक्री महामारी की शुरुआत के बाद से कम हो रही है।  दूसरी ओर 50 लाख और उससे अधिक की लग्जरी कारें धड़ाधड़ बिक रही हैं। मर्सिडीज बेंज इंडिया के अनुसार, उसकी बिक्री कोविड से पहले वाले स्तर पर वापस पहुंच गई है। जनवरी-जून 2021 में कंपनी ने पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले कारों की बिक्री में 65 फीसदी की तेजी दर्ज की है। कंपनी के कई मॉडल के लिए कम से कम चार सप्ताह की प्रतीक्षा अवधि है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह वित्तीय असमानता को दर्शाता है कि एक ओर अमीर जहां अभी भी अपने महंगे शौक पूरे करने में लगे हैं, वहीं गरीब महामारी की अनिश्चितता के चलते बचत पर जोर दे रहे हैं।

दूसरी लहर के बाद मध्यवर्ग सतर्क

कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव को देखकर उपभोक्ता सतर्क हो गए हैं। इलाज की लागत ने भारतीय मध्यम वर्ग के बचत को बहुत प्रभावित किया है। इसके चलते उनकी मांग पर भी असर हुआ है। जहां पहली लहर के बाद बाईक और सस्ती गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी थी वह दूसरी लहर के बाद गायब है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा लोगों के पास कमाई घटने और बचत सफाया होने से हुआ है। दूसरी लहर के कारण लाखों लोगों की नौकरी छूटने, प्रवासी कामगारों के घर लौटने और बीमारी के कारण बचत का सफाया होने से मांग प्रभावित हुई है।

किफायती मॉडलों की मांग में सुधार धीमी

जून 2021 के लिए वाहन पंजीकरण डेटा से पता चलता है कि जून 2019 की तुलना में दोपहिया 30% कम थी। इसी अवधि में कारों की बिक्री 10% कम थी। जून 2019 को बेस लाइन के रूप में लिया जा रहा है क्योंकि यह महामारी की शुरुआत से पहले का सबसे हालिया महीना है। रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न वाहन खंडों में भी अधिक किफायती मॉडलों की बिक्री में सुधार धीमी रही। वित्त वर्ष 2021 में, एंट्री लेवल मोटरसाइकिलों की बिक्री में 13% की गिरावट आई, जबकि अन्य मोटरसाइकिल खंडों में बिक्री में 2% की गिरावट आई। इसी तरह, छोटी कारों की बिक्री में साल-दर-साल लगभग 8% की गिरावट आई, जबकि महामारी के बावजूद यूटिलिटी वाहनों की बिक्री में 12% की वृद्धि हुई।

जबरदस्त बिक्री की उम्मीद: लैम्बोर्गिनी

इटली की सुपर स्पोर्ट्स कार कंपनी लैम्बोर्गिनी इस साल बिक्री के मामले में भारत में रिकॉर्ड बनाने की उम्मीद कर रही है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी से जुड़ी अड़चनों के बाद अब मांग में वी आकार का सुधार देखने को मिल रहा है। कंपनी भारतीय बाजार में 3.15 करोड़ रुपये से लेकर 6.33 करोड़ रुपये कीमत की सुपर लक्जरी कारें बेचती है। कंपनी ने 2019 में 52 इकाइयों की बिक्री का रिकॉर्ड बनाया था। कंपनी को उम्मीद है कि 2021 में वह इस आंकड़े को पीछे छोड़ देगी। इस साल कंपनी के कारोबार में अबतक 2019 की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है।

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