नई दिल्ली:
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने गुरुवार को कहा कि अगले पांच साल में मछली पालन के क्षेत्र में 30,000 से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. विश्व मात्स्यिकी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा, “आने वाले दिनों में 30,000-40,000 करोड़ रुपये का निवेश इस क्षेत्र में होगा, जिसमें 10,000 करोड़ रुपये का मत्स्य संपदा, 12,800 करोड़ रुपये का विश्व बैंक और 7,500 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए हमने फंड बनाया है. इसके अलावा इसमें दूसरे तरह के भी निवेश होंगे. अभी लगभग 3,000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट हमारे पास आ चुका है जिसे हमने मंजूरी दे दी है|
उन्होंने कहा कि मछली का पोस्ट हार्वेस्टिंग 20 से 25 फीसदी नुकसान हो जाता है, इसलिए रखरखाव को मजबूत करने की जरूरत है, जोकि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाने से संभव है. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किए जाने वाले कार्यो के संबंध में उन्होंने कहा कि निर्यात के क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई और आने वाले दिनों में और वृद्धि होगी|
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देशभर में अब तक महज 8,400 मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की तर्ज पर नीला कार्ड मिला है. उन्होंने कहा, “पिछली सरकार में हमने मछुआरों के लिए भी किसानों के केसीसी के समान नीला कार्ड देने का प्रावधान किया था लेकिन अब तक करीब 8,400 किसानों को ही यह मिल पाया है जिसमें बढ़ोतरी करना है.” उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा करने की जरूरत है|