गुजरात की एक जींस फैक्ट्री के मजदूरों ने प्रयागराज आकर अपनी खुद की फैक्ट्री डाल दी। वो भी तब जब कोरोना के कारण लॉकडाउन में उनकी नौकरी चली गई। आज इस छोटी फैक्ट्री से 20 परिवार का पालन पोषण हो रहा है।
पिछले साल लॉकडाउन में गुजरात से कमलेश प्रजापति, सर्वेश पाल आदि अपने घर लौट आए। यहां आकर भी काम न मिला तो घर वालों ने वापस गुजरात जाने की सलाह दी। इन लोगों ने गुजरात में जींस फैक्ट्री में काम किया था, लिहाजा यहीं पर जींस फैक्ट्री खोलने का विचार मन में आया। घर की कुछ औरतें स्वयं सहायता समूह में काम करती थीं। इन महिलाओं ने ब्लॉक मिशन प्रबंधक वेद प्रकाश द्विवेदी से इन लोगों का संपर्क कराया। सभी ने मिलकर एक रास्ता निकाला जिसमें जींस की छोटी फैक्ट्री क्षेत्र में ही लगा ली जाए। पिछले साल प्रक्रिया शुरू होती, लेकिन इसमें तमाम बाधाएं आ गईं। फैक्ट्री इस साल लग गई और उत्पादन भी शुरू हो गया। कमलेश प्रजापति, सर्वेश पाल, प्रीतिका शुक्ला, अनिल द्विवेदी आदि ने मिलकर जींस व रेडिमेड पैंट की पहली खेप तैयार कर ली है।
फिर आई मुश्किल
सफलता के रास्ते में बाधाएं आती हैं, यही कारण है कि इन लोगों के रास्ते में भी बाधाएं आ रही हैं। किसी प्रकार मशीन आने के बाद उत्पादन तो शुरू हो गया, लेकिन इसी बीच महामारी की दूसरी लहर और लॉकडाउन का सामना करना पड़ा।
अब हो रही है ब्रांडिंग
ब्लॉक मिशन प्रबंधक वेद प्रकाश द्विवेदी बताते हैं कि अब नए सिरे से ब्रांडिंग शुरू हो गई है। इसमें ये लोग दुकानों से भी बात कर रहे हैं और अपने स्टॉल भी लगा रहे हैं। धीरे-धीरे ब्रांडिंग हो जाएगी तो सामान अच्छे से बिकने लगेगा।