यहीं नहीं इन खटरा बसों को दौड़ाने के लिए विभाग की ओर से किलोमीटर का निर्धारण भी किया गया है।
खटारा बस संचालन का ही नतीजा रहा कि मऊ डिपो की बस में तकनीकी गड़बड़ी के चलते धुंआ भर गया।
किसी हादसे की आशंका से घबराए यात्री बस से कूद पड़े। यात्रियों में मची अफरा-तफरी को देख स्थानीय लोगों की भीड़ लग गई। चालक और परिचालक ने बताया कि मऊ से गाजीपुर की दूरी 40 किलोमीटर हैं।
40 किलोमीटर की दूरी तय करने पर जब यह स्थिति है तो डिपो की ओर से मिले 236 किलोमीटर के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।
उन्होंने बताया कि विधान सभा चुनाव में रोडवेज की बसें लग जाने से डिपो की ओर से निलामी के लिए खड़ी बसों को ही चलाया जा रहा है। यहीं नहीं निर्धारित किलोमीटर तक बस का संचालन नहीं होने से वेतन में से कटौती कर ली जाती है। अधिकांश बसें खटारा हैं।