राजधानी दिल्ली में गुरुवार को बिजली की सर्वाधिक मांग 7,000 मेगावाट को पार कर गई जो इस मौसम का अब तक का सबसे उच्च स्तर है। शहर में अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और इसके साथ ही लोगों को लू का सामना करना पड़ा।
दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार दोपहर तीन बजकर 30 मिनट पर बिजली की अधिकतम मांग 7,026 मेगावाट तक पहुंच गई। इस मौसम में सर्वाधिक मांग का इससे पहले का रिकॉर्ड 6,921 मेगावाट एक दिन पहले ही बुधवार को दर्ज किया गया था।
बिजली अधिकारियों ने बताया कि इस साल दिल्ली में सर्वाधिक मांग का रिकॉर्ड पिछले साल के रिकॉर्ड 6,314 मेगावाट को पार कर चुका है। पिछले साल 23, 24, 28, 29, 30 जून को यह रिकॉर्ड दर्ज किया गया था।
बिजली विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि वितरण कंपनियां- बीआरपीएल और बीवाईपीएल ने अपने इलाकों में सर्वाधिक मांग क्रमश: 2,933 और 1,598 मेगावाट को सफलतापूर्वक पूरा किया।
कोविड-19 संबंधी प्रतिबंधों और मौसम की वजह से दिल्ली में इस साल सर्वाधिक मांग का अनुमान 7000-7400 मेगावाट है। शुरुआत में यह अनुमान करीब 7,900 मेगावाट था।
दिल्ली में लू का कहर जारी, पारा 43.1 डिग्री पर पहुंचा
बता दें कि राजधानी में गुरुवार को लोगों को लू के जबर्दस्त थपेड़ों का सामना करना पड़ा और अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य तापमान से पांच डिग्री अधिक है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।
मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान के 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहने और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक रहने पर लू की आशंका जताई जाती है। न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 31.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सापेक्ष आर्द्रता का स्तर शाम को 29 प्रतिशत दर्ज किया गया।
मौसम विभाग ने दिल्ली में शुक्रवार को गरज के साथ बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है। दिल्ली में सोमवार को इस गर्मी की पहली लू चली जब पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस बीच, दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार शाम ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिले आंकड़ों के अनुसार, शाम सात बजकर पांच मिनट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 236 रहा।
गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ”अच्छा”, 51 से 100 के बीच को ”संतोषजनक”, 101 और 200 के बीच को ”मध्यम”, 201 और 300 के बीच को ”खराब”, 301 और 400 के बीच को ”बहुत खराब” और 400 से 500 को ”गंभीर” श्रेणी में रखा जाता है।