भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही व्यापार समझौता होने की संभावना है। ट्रंप प्रशासन अगले हफ्ते अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को भारत भेजेगा। यह प्रतिनिधिमंडल दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार समझौते को अंतिम रूप देगा। बताया गया है कि भारत-अमेरिका के बीच अब तक व्यापार को लेकर जिन बातों पर सहमति नहीं बनी उन्हें भी सुलझा लिया जाएगा।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इसी सिलसिले में 12 से 14 नवंबर को अमेरिकी दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने अपने समकक्ष रॉबर्ट लाइटहाइजर से मिलकर व्यापार समझौते के कई मुद्दों को सुलझा लिया। सरकारी सूत्रों के अनुसार दोनों देशों के बीच जिन पहलुओं को लेकर चिंता जताई थी उनपर बात कर ली गई है।
दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता अपने अंतिम रूप में है। लाइटहाइजर से पीयूष गोयल ने फोन पर बात की। दोनों देशों ने एक-दूसरे को बराबरी से बाजार उपलब्ध कराने की बात कही है। पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिकी दौरे पर गई थीं। जहां उन्होंने कहा था कि वह चीन से निकलकर भारत में निवेश करने का इरादा रखने वाली कंपनियों के लिए नीति बनाएंगी।
भारत निवेश के लिए सबसे बेहतर विकल्प
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी दौरे के दौरान कहा था कि चीन से बाहर निकलने वाले उद्योग, निश्चित रूप से भारत की तरफ देख रहे हैं। अब सरकार के लिए उनके साथ कदम मिलाना जरूरी है। मैं इसके लिए नीति तैयार करके उनसे संपर्क करूंगी और उन्हें बताऊंगी कि भारत किस तरह उनके लिए ज्यादा अनुकूल स्थान हो सकता है।
सीतारमण ने आगे कहा था कि भारत निवेश के लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। जो कंपनियां वियतनाम में काम कर रही हैं, अब वहां कारोबार विस्तार के हिसाब से मैन पॉवर उपलब्ध नहीं है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर सीतारमण ने कहा कि दोनों देशों के बीच जल्द व्यापार समझौता हो सकता है। दोनों देश की सरकारें व्यापार समझौते पर तेज गति से काम कर रही हैं और जल्द ही मुद्दे पर कुछ सहमति बन सकती है।