भारतीय महिला गोल्फर दीक्षा डागर को टोक्यो ओलंपिक की महिला गोल्फ प्रतियोगिता में प्रवेश मिला है जिससे भारतीय चुनौती मजबूत होगी। पिछले महीने जब अंतिम सूची तैयार की गई थी तो दीक्षा रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल थी। इंटरनेशनल गोल्फ महासंघ ने भारतीय गोल्फ यूनियन (आईजीयू) के जरिए दीक्षा के ओलंपिक में जगह मिलने की सूचना दी। आईजीयू इसके बाद दीक्षा के ओलंपिक खेलों के लिए समय से तोक्यो पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है।अदिति अशोक ओलंपिक में खेलने के लिए कट हासिल चुकी हैं। महिला गोल्फ स्पर्धा में अब भारत की दो खिलाड़ी होंगी। बाएं हाथ की खिलाड़ी दीक्षा पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगी जबकि अदिति दूसरी बार खेलों के महाकुंभ में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। दीक्षा को सुनने में दिक्कत है और वह 2017 में बधिर ओलंपिक और अब ओलंपिक में हिस्सा लेने का गौरव हासिल करेंगी। वह बधिर ओलंपिक में रजत पदक जीतने में सफल रही थी। टोक्यो ओलंपिक में गोल्फ मुकाबले पांच अगस्त से शुरू होंगे। दक्षिण अफ्रीका की पॉला रेटो ने टोक्यो खेलों से हटने का फैसला किया है और आस्ट्रिया की अपनी गोल्फर सारा शोबर को बदलने के आग्रह को ठुकरा दिया गया है जिसके बाद दीक्षा को प्रतियोगिता में जगह मिली। आईजीयू ने यह जानकारी दी। वर्ष 2019 में पेशेवर बनी दीक्षा 2018 एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और उन्होंने लेडीज यूरोपीय टूर पर एक टीम स्पर्धा सहित दो खिताब जीते हैं। यह खबर आने से पहले दीक्षा का आयरलैंड में आईएसपीएस हांडा आमंत्रण टूर्नामेंट में खेलने का कार्यक्रम था।इस बीच भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी उनकी मान्यता और यात्रा के लिए औपचारिकता शुरू कर दी है। दीक्षा को लंबे आइसोलेशन की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन उनके पिता नरेन डागर भारत लौट चुके हैं। नरेन दीक्षा के कोच हैं और अधिकतर उनके कैडी की भी भूमिका निभाते हैं। नरेन को भी आईजीयू और आईओए के साथ मिलकर औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी जिससे कि वह दीक्षा की मदद कर सकें।