सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में महिलाएं व बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। वे घर से बाहर निकलें, पढ़ने जाएं, किसी समारोह में जाएं या नौकरी पर जाएं, उनके लिए असुरक्षा का भय आतंक बनकर साथ चलता है। हर दिन बलात्कार और यौन हिंसा के मामले दर्ज होते हैं।
नाबालिग बच्चियां भी इस क्रूरता की शिकार होती हैं। किसी सभ्य समाज के लिए यह स्थिति अत्यंत शोचनीय व निंदनीय है। अखिलेश ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश में हालत दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के कथित प्रचारक सत्ता में रहते हुए भी अमानवीय घटनाओं पर रोक लगाने में विफल हैं। अभियोजन पक्ष तो और भी कमजोर है जिसका अपराधी फायदा उठाते हैं। इसमें सत्ता पक्ष की नीतियां दोषी हैं।
जंगलराज का शिकार हर बेटी खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। समाजवादी सरकार में महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं रोकने के लिए 1090 योजना शुरू की गई थीं। इस व्यवस्था को भाजपा सरकार ने शिथिल कर दिया है।
डायल-100 की व्यवस्था को बनाया निष्प्रभावी
अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डायल-100 की व्यवस्था की गई थी इसे भी भाजपा सरकार ने 112 नंबर में बदलकर निष्प्रभावी बना दिया है। सपा अध्यक्ष ने कहा, मैनपुरी के नवोदय विद्यालय में छात्रा की संदिग्ध मौत दो महीने पहले हुई थी, लेकिन जांच कार्यवाही में लेटलतीफी हुई।
सीतापुर में मछेरहटा के एक गांव में किशोरी को बंधक बनाकर दुराचार किया गया। आजमगढ़ में भी किशोरी से दुष्कर्म किया गया, संभल में कई दिन जीवन से संघर्ष के बाद रेप पीड़िता की मौत हो गई।
हरदोई के सुरसा थाना क्षेत्र में तीसरी क्लास की छात्रा गांव में बारात देखने निकली थी, जो दुष्कर्म की शिकार हुई। अंबेडकरनगर में मालीपुर थाना क्षेत्र में ननिहाल से लौट रही एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई है। ये सभी ताजा घटनाएं दिल दहलाने वाली हैं।
सरकारों का संवेदनहीन रवैया
अखिलेश ने कहा कि दिल्ली के निर्भया कांड से लेकर हैदराबाद की डॉक्टर कांड तक सरकारों का संवेदनहीन रवैया ही सामने आता है। कानून व्यवस्था बनाए रखने पर करोड़ों का बजट खर्च करने वाली सरकार क्या दिन या रात में बेटियों-बहुओं का घर से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं बना सकती है?