चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जनमुक्ति सेना (PLA) के नवगठित 84 लार्ज मिलिट्री यूनिट के जवानों से कहा है कि वे लड़ाई के लिए तैयार रहें और इलेक्ट्रॉनिक, सूचना तथा स्पेस युद्ध जैसे ‘नए प्रकार’ की लड़ाई क्षमता विकसित करें।
चीनी राष्ट्रपति का यह बयान भारत सहित उसके तमाम पड़ोसी देशों से लेकर अमेरिका तक के लिए काफी मायने रखता है। उनका बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में अपने टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डीफेंस इंटरसेप्टर मिसाइल तैनात किए हैं।
अमेरिका के इन इंटरसेप्टर मिसाइल से चीन के समूचे इलाके पर नजर रखी जा सकती है। यही नहीं इससे चीन के मिसाइल विकास कार्यक्रम पर भी नजर रखी जा सकती है। अमेरिका ने THAAD की तैनाती उत्तर कोरिया को चेताने के लिए की है, लेकिन इससे समूचे इलाके में तनाव बढ़ गया और चीन भड़क गया है।
इसके बाद अब चीनी राष्ट्रपति शी पीएलए की यूनिट से कहा कि वे लड़ाई के लिए तैयार रहें और तमाम जंग का अध्ययन करें। चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली के अनुसार शी ने सेना से कहा कि युद्ध अभ्यास की संख्या बढ़ाएं और ‘नए किस्म’ की लड़ाई क्षमता निर्माण को प्राथमिकता दें।
चीन लगातार बढ़ा रहा क्षमता
अपनी सामरिक ताकत का विस्तार करते हुए चीन सैन्य क्षमता लगातार बढ़ा रहा है, खासकर भारत, जापान और दक्षिण चीन सागर के उन इलाकों में जहां उसका पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद चल रहा है। पीएलए ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि 84 लार्ज यूनिट के जवानों की तैनाती कहां की जाएगी। इस यूनिट को सेना के मौजूदा जवानों के बीच से ही तैयार किया गया है, इसके लिए नई भर्ती नहीं की गई, क्योंकि 23 लाख जवानों वाली चीनी सेना अपनी संख्या में 3 लाख तक कटौती की योजना बना रही है।