उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस घातक होता जा रहा है। इससे ग्रसित आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रहे शोधार्थी समेत चार लोगों की और मौत हो गई। विभिन्न जिलों से बड़ी संख्या में लखनऊ के अस्पतालों में मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। मंगलवार को 15 नए रोगी भर्ती किए गए। लखनऊ में भर्ती अब तक 21 मरीज दम तोड़ चुके हैं। वहीं, आगरा में 6 व शाहजहांपुर में तीन नए मरीज मिले हैं।
कानपुर आईआईटी में अंतरिक्ष विज्ञान में पीएचडी कर रहे शोधार्थी कवींद्र कुमार चतुर्वेदी को पिछले हफ्ते पीजीआई में भर्ती किया गया था। कोरोना के साथ वह ब्लैक फंगस की चपेट में भी था। फंगस ज्यादा होने से डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए ऑपरेशन किया, लेकिन उसकी मौत हो गई। मूलरूप से अयोध्या निवासी कवींद्र की ब्लैक फंगस के संक्रमण से एक आंख खराब हो गई थी, जिससे उसे सर्जरी कर निकाला जा चुका था।
इसके साथ ही बिहार के 55 वर्षीय पुरुष ने केजीएमयू में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उधर, उन्नाव निवासी शिक्षक विकास कुमार पटेल (29) की कानपुर के हैलट में ब्लैक फंगस से मौत हो गई। शाहजहांपुर के खुटार के गांव प्रसादपुर निवासी 50 वर्षीय महिला की ब्लैक फंगस से मौत हो गई। लखनऊ के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 240 पहुंच चुकी है। वहीं, आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 31 पहुंच गई है।