भारत बायोटेक ने ब्राज़ील की दवा निर्माता कंपनी प्रेसीसा मेडिकामेंटॉस और एनविक्सिया फार्मेस्यूटिकल्स लि. के साथ कोविड-19 के अपने टीके कोवैक्सीन के कारोबार में सहयोग के करार को रद्द कर दिया। हैदराबाद की इस कंपनी ने ब्राजील में वैक्सीन के अनुबंधों में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद यह कदम उठाया है।
भारतीय कंपनी ने ब्राजील सरकार के साथ कोवैक्सीन की दो करोड़ खुराक की आपूर्ति का समझौता किया था। इसमें भ्रष्टाचार के आरोप के कारण समझौता खटाई में पड़ गया है और वहां के अधिकारीयों ने इसकी जांच शुरू की है।
प्रेसीसा मेडिकामेंटॉस दरअसल ब्राज़ील में भारत बायोटेक की भागीदार है जो कंपनी के टीके के तीसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षणों के लिए लाइसेंस, वितरण, बीमा और संचालन समेत अन्य कार्यों में उसको परामर्श दे रही और इसमें सहायता तथा सहयोग कर रही है।
कानूनी तरीक से मंजूरी पाने की कोशिश
भारत बायोटेक ने शुक्रवार को कहा, “हमने तत्काल प्रभाव के साथ ज्ञापन समझौता समाप्त कर दिया है। इस समझौते के बावजूद कंपनी कोवैक्सिन के लिए वहां के नियामक से अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दवा नियामक निकाय एएनवीआईएसए के साथ पूरी मेहनत से काम करना जारी रखेगी।” भारत बायोटेक ने कहा कि वह कानूनी आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न देशों में कोवैक्सीन के लिए मंजूरी प्राप्त करने का पूरा प्रयास कर रही है।
20 नवंबर को हुआ था समझौता
भारत बायोटेक ने ब्राजील के बाजार में कोवैक्सीन की बिक्री के लिए दोनों कंपनियों के साथ 20 नवंबर,2020 को समझौता किया था। कंपनी ने बताया कि वैश्विक स्तर पर कोवैक्सीन की कीमत 15 से 20 डॉलर के बीच रखी गई है लेकिन ब्राज़ील सरकार के लिए इसे 15 डॉलर प्रति खुराक रखा गया था।